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किसानों की 'घर वापसी': टेंट उखड़ने शुरू, 11 दिसंबर से दिल्ली के बॉर्डर से बढ़ेंगे कदम
kisan andolan khtam live: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आज 09 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने की घोषणा की।राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से डटे किसानों की आज से 'घर वापसी' शुरू हो गई है।
kisan andolan khtam live Update: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आज 09 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने की घोषणा की।राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से डटे किसानों की आज से 'घर वापसी' शुरू हो गई है। पंजाब के 32 किसान संगठनों ने घर अब जाने का ऐलान किया है।
दरअसल, MSP की गारंटी पर कानून सहित किसानों की बाकी लंबित मांगों पर सरकार ने जो प्रस्ताव दिए थे, उसे संयुक्त किसान मोर्चा ने मान लिया है। किसान संगठनों ने एक अहम बैठक के बाद ये फैसला लिया।
भारतीय किसान यूनियन का ट्वीट - किसान आंदोलन समाप्ति की घोषणा 11 दिसम्बर से मोर्चे खाली करेंगे किसान
एक साल से जारी किसान आंदोलन अब खत्म
एक साल से जारी किसान आंदोलन अब खत्म हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आज 09 दिसंबर को इसका औपचारिक ऐलान किया। इस घोषणा से पहले SKM ने लंबी बैठक की। जिसके बाद उन्होंने घर वापस लौटने का फैसला लिया। इस बारे में किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा, 'हम सरकार को झुकाकर वापस जा रहे हैं।' राजेवाल ने बताया, 15 जनवरी को किसान मोर्चा की एक बार फिर बैठक होगी। इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। आंदोलन वापसी के ऐलान के बाद 11 दिसंबर से दिल्ली बॉर्डर से किसान अपने घर लौटने लगेंगे।
वहीं, किसान नेता हन्नान मोल्लाह बोले, कि आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा आंदोलन है। यह शांतिपूर्ण रहा। किसान मोर्चा ने कहा, कि 15 जनवरी को फिर बैठक बुलाई गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे बड़ी जीत करार देते हुए कहा, कि अगर सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो फिर से आंदोलन होगा।
बता दें, कि इससे पहले, किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कृषि सचिव के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी भेजी गई थी। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बैठक की। SKM की पांच सदस्यीय कमेटी के सदस्य अशोक धावले ने कहा, 'सरकार की ओर से मिले नए मसौदे पर आज बैठक में चर्चा की होगी। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आंदोलन खत्म करने पर फैसला लिया जाएगा। उसी का परिणाम है कि अब मोर्चा ने आंदोलन ख़त्म करने का ऐलान किया।
सरकार ने एक बार दिखाया नरम रुख
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर महीने में तीन कृषि कानूनों को पास किया था। जिसे देश के कई किसान संगठनों ने 'काला कानून बताया था। इसके खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही दिल्ली की सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े थे। जिसे 19 नवंबर को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में वापस लेने की घोषणा की थी। संसद के मौजूदा सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों की वापसी हो चुकी है। हालांकि, किसान एमएसपी पर कानून सहित कई अन्य मांगों पर अड़े थे, जिसे लेकर सरकार ने एक बार फिर नरम रुख दिखाया है।
किसानों के ऊपर दर्ज मामले होंगे वापस
इसी बीच सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आज हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता और राकेश टिकैत सहित इस आंदोलन से जुड़े कई बड़े चेहरे मौजूद थे। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े लोगों ने बताया, कि सरकार की ओर से जो नया प्रस्ताव भेजा गया है उसमें एमएसपी (MSP) पर जो समिति बनाई जाएगी, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को शामिल करने की बात मान ली है। साथ ही, सरकार ने प्रस्ताव में ये भी लिखा है कि यूपी, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड तथा हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेने पर सहमत हो गईहैं। दिल्ली में भी किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज हैं, उन्हें वापस ले लिया जाएगा।
13 दिसंबर को हरमिंदर साहिब पहुंचेंगे
दूसरी ओर, पंजाब के 32 किसान संगठनों ने घर जाने का प्रस्ताव रखा है। इन संगठनों का कहना है, कि पंजाब के किसान 11 दिसंबर 2021 से 'घर वापसी' करेंगे। दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक, किसान आगामी 11 दिसंबर को बॉर्डर से निकलेंगे और 13 दिसंबर को अमृतसर के हरमिंदर साहिब पहुंचेंगे। इन किसान संगठनों ने टोल प्लाजा को भी मुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। बता दें, कि पिछले साल सितंबर महीने से ही किसान संगठनों ने पंजाब के सभी टोल प्लाजा को फ्री कर दिया था।
टैंट-तंबू उखड़ने लगे
जानकारी के अनुसार, सिंघु और कुंडली बॉर्डर बीते एक साल से डटे किसान अब घर लौट रहे हैं। यहां जमे किसानों ने अब अपने टेंट-तंबू उखाड़ना शुरू कर दिया है। ये अपने तिरपाल और बिस्तर सहित अन्य रोजमर्रा के सामानों को ट्रकों-ट्रैक्टरों में रखना शुरू कर दिया है। इन बॉर्डरों पर मौजूद किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है। इसलिए अब वो वापस लौट रहे हैं।
11 दिसंबर से 'घर वापसी'
दूसरी ओर, पंजाब के 32 किसान संगठनों ने घर जाने का प्रस्ताव रखा है। इन संगठनों का कहना है, कि पंजाब के किसान 11 दिसंबर 2021 से 'घर वापसी' करेंगे। दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक, किसान आगामी 11 दिसंबर को बॉर्डर से निकलेंगे और 13 दिसंबर को अमृतसर के हरमिंदर साहिब पहुंचेंगे। इन किसान संगठनों ने टोल प्लाजा को भी मुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। बता दें, कि पिछले साल सितंबर महीने से ही किसान संगठनों ने पंजाब के सभी टोल प्लाजा को फ्री कर दिया था।