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Kisan Ki Maut: सिंघु बॉर्डर पर किसान की मौत, फांसी से लटकता मिला शव, मचा हड़कंप
Kisan Ki Maut: कुंडली सिंघु बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत एक किसान की मौत हो गई है। किसान का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला है।
Kisan Ki Maut: किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच इस वक्त की एक बड़ी खबर सामने आ रही है। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलनरत एक किसान की मौत (Kisan Ki Maut) हो गई है। किसान का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला है। यह किसान सोनीपत (Sonipat) के कुंडली सिंघु बॉर्डर (Kundli Singhu Border) पर आंदोलनरत था, जो कि पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के अमरोह तहसील के रुड़की गांव (Roorkee) का रहने वाला था। मृतक किसान का नाम गुरप्रीत सिंह (Gurpreet Singh) बताया जा रहा है। यह BKU सिद्धपुर से जुड़ा था।
बुधवार को किसान का शव (Kisan Ka Shav) फांसी के फंदे से लटका पाया जाने पर मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में मामले की जानकारी पुलिस (Police) को दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम (Post Mortem) के लिए भेज दिया है। जिस हालत में किसान का शव बरामद हुआ है, उससे आत्महत्या (Atamhatya) के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि अब तक स्पष्ट नहीं है कि किसान ने आत्महत्या की है या फिर उसकी हत्या (Hatya) कर शव को फांसी से लटकाया गया है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post Mortem Report) सामने आने के बाद ही मौत की असली वजह का पता चल पाएगा।
बीते एक साल से जारी है किसान आंदोलन
आपको बता दें कि किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का 26 नवंबर को 1 साल पूरा हो जाएगा। बीते एक साल से किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर बैठे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी बातों को मान नहीं लेती तब तक वह आंंदोलन जारी रखेंगे। दरअसल, किसानों की मांग (Kisano Ki Mang) है कि सरकार नए कृषि कानूनोंं को वापस ले और MSP पर कानून बनाए।
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