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Paranthe Wali Gali : क्यों इतना खास है चांदनी चौक की पराठें वाली गली, जानिए

दिल्ली (Delhi) में चांदनी चौक की पराठें वाली गली की बात ही अलग है। यह राजधानी का सबसे पुराना इलाका माना जाता है। जानिए इसके बारे में-

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Newstrack NetworkPublished By Satyabha
Published on: 12 July 2021 6:46 PM IST
Paranthe Wali Gali : क्यों इतना खास है चांदनी चौक की पराठें वाली गली, जानिए
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पराठें वाली गली फोटो- सोशल मीडिया

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की वैसे तो हर एक चीज मशहूर है। लेकिन चांदनी चौक की पराठें वाली गली (Paranthe Wali Gali) की बात ही अलग है। यह दिल्ली का सबसे पुराना इलाका माना जाता है। कहा जाता है कि चांदनी चौक को मुगल सम्राट शाहजहां की बेटी राजकुमारी जहांआरा बेगम ने डिजाइन किया था। चांदनी चौक साल 1650 में लाल किले के साथ ही बनवाया गया था। यहां पर पहले चांदी की दुकाने हुआ करती थी। धीरे-धीरे यहां गहने, कपड़ों और अन्य सामानों की दुकाने लगने लगीं।

यहां रहने वाले लोगों के साल 1872 में पंडित गया प्रसाद परांठावाला से चांदनी चौक में पराठें वाली गली की शुरूआत हुई। जिसके बाद यहां पराठें के दुकानों की लाइन लगनी शुरू हो गई। 1875 में पंडित कन्हैया लाल दुर्गाप्रसाद दीक्षित, 1882 में पंडित दयानंद शिवचरन और 1886 में पंडित बाबूराम देवीदयाल परांठेवाला ने यहां दुकानें खोली। पिछली 6 पीढियों से यहां पराठें वाली दुकान को उनके परिवार के सदस्य ही चला रहे हैं। इस गली का नाम1911 में बदलकर छोटा दरीबा रखा जा चुका है, लेकिन लोग आज भी इसे पराठें वाली गली के नाम से ही जानते हैं।

आज भी है वही स्वाद, फोटो- सोशल मीडिया

आज भी पहले की तरह ही मिलते हैं पराठे

यहां की दुकानों पर पराठे के स्वाद आज भी पहले की तरह ही मिलते हैं। यही वजह है कि यहां कभी ग्रहकों की कमी नहीं नजर आई। सुबह से लेकर रात कर लोग पराठें का स्वाद लेने आते रहते हैं। इस गली की खासीयत यह है कि यहां सिर्फ शाकाहारी पराठें ही मिलते हैं। दुकानदारों के मुताबिक, यहां बनाए जाने वाले पराठों में प्याज-लहसुन भी नहीं डाला जाता। इसके पीछे भी एक कारण है....आईए जानते हैं।

पंडित बिरादरी के लोगों ने की थी शुरूआत

दुकानदारों का कहना है कि यहां सबसे पहले दुकानों को पंडित बिरादरी के लोगों ने खोला था। तब से उन्ही के खानदान इस परंपरा को ठीक वैसे ही आगे बढ़ाते आए हैं। समय समय पर पराठों को और लजीज बनाने के लिए उसमें काजू, बादाम, मेवे भी डाले जाते हैं।

देश के पहले प्रधानमंत्री से लेकर फिल्मी कलाकार भी ले चुके स्वाद

इसकी खासीयत जानने के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और विजया लक्ष्मी पंडित भी यहां पराठें खाने आ चुके हैं। उनकी तस्वीर भी इस पराठें वाली दुकान में लगी है। वहीं बॉलीवुड स्टार रणवीर कपूर के साथ साथ कई कलाकार भी यहां के पराठों का स्वाद ले चुके हैं। इनके स्वाद की चर्चा इतनी दूर-दूर तक है कि लोग यहां एक बार पराठें खाने के बाद जिससे भी मिलते हैं उससे इनकी तारीफ जरूर करते हैं।

यहं मिलते हैं पराठों के इतने वैरायटी

प्लेन पराठें से लेकर यहां मिक्स वेज, रबड़ी, खोया परांठा, गोभी पराठा, परत परांठा जैसे कई तरह के पराठें खाने के लिए मिलते हैं। यहां पराठें के साथ इमली की चटनी, धनिया-पुदीने की चटनी, सब्जियों का मिक्स अचार, आलू-पनीर की सब्जी, आलू मेथी की सब्जी और सीताफल की सब्जी, रायता के साथ मिलते हैं।



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