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लखीमपुर हिंसा: हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश जैन करेंगे जांच की निगरानी, SIT में होंगे तीन IPS

लखीमपुर हिंसा हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (17 नवंबर 2021) को जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को नियुक्त किया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।

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By aman
Published on: 17 Nov 2021 7:59 AM GMT (Updated on: 17 Nov 2021 8:28 AM GMT)
Lakhimpur Kheri Hinsa: आज भी यूपी सरकार के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुआ सुप्रीम कोर्ट, अगली सुनवाई 8 नवंबर को
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो- न्यूजट्रैक) 

लखीमपुर हिंसा हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (17 नवंबर 2021) को जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को नियुक्त किया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।

लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी (SIT) का पुनर्गठन कर तीन वरिष्ठ आईपीएस (IPS) अधिकारियों एस.बी. शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को शामिल किया है। सुप्रीम कोर्ट चार्जशीट दाखिल होने और सेवानिवृत्त जज से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले पर अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है, कि यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच के लिए आज सुप्रीम कोर्ट ने फिर से एसआईटी गठित की है। सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त है। कोर्ट ने एसआईटी में एक महिला सहित तीन वरिष्ठ आईपीएस (IPS) की नियुक्ति के भी आदेश दिए हैं। यह अधिकारी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान होंगे। साथ ही कोर्ट ने कहा, कि जस्टिस राकेश जैन निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेंगे। एसआईटी की जांच पूरी करने और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट मामले पर फिर सुनवाई करेगा।

स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के बाद अगली सुनवाई

गौरतलब है, कि यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच के लिए आज सुप्रीम कोर्ट ने फिर से एसआईटी गठित की है। सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को जांच की निगरानी के लिए नियुक्त है। कोर्ट ने एसआईटी में एक महिला सहित तीन वरिष्ठ आईपीएस (IPS) की नियुक्ति के भी आदेश दिए हैं। यह अधिकारी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान होंगे। साथ ही कोर्ट ने कहा, कि जस्टिस राकेश जैन निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेंगे। एसआईटी की जांच पूरी करने और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट मामले पर फिर सुनवाई करेगा।

बता दें, कि इससे पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर मामले में प्रतिदिन के आधार पर राज्य की एसआईटी जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पूर्व जज से कराने के सुझाव पर सहमति जताई थी। ज्ञात हो, कि पिछले महीने 03 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर में किसान आंदोलन के बीच हुई हिंसा में चार किसानों सहित 08 लोगों की मौत हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगे थे अधिकारियों के नाम

चीफ जस्टिस एन.वी. रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने एसआईटी जांच में छोटी रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने के मुद्दे को भी उठाया था। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश कैडर के उन आईपीएस के अधिकारियों के नाम मांगे थे, जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं। ताकि, उन्हें जांच टीम में शामिल किया जा सके।


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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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