lakhimpur kheri case: योगी सरकार की रिपोर्ट से सर्वोच्च न्यायालय नाखुश, रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का दिया सुझाव

योगी सरकार की रिपोर्ट से सर्वोच्च न्यायालय नाखुश, रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का दिया सुझावदेश की सर्वोच्च अदालत ने को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लखीमपुर खीरी में हिंसा मामले में दायर एक स्टेटस रिपोर्ट पर निराशा जाहिर की है।

aman
By aman
Published on: 8 Nov 2021 7:11 AM GMT (Updated on: 8 Nov 2021 7:55 AM GMT)
PM की सुरक्षा में चूक: अब आएगी सच्चाई सामने, SC ने किया जांच समिति का गठन
X

सुप्रीम कोर्ट (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

lakhimpur kheri case: योगी सरकार की रिपोर्ट से सर्वोच्च न्यायालय नाखुश, रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का दिया सुझावदेश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार (08 नवंबर 2021) को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लखीमपुर खीरी में हिंसा मामले में दायर एक स्टेटस रिपोर्ट पर निराशा जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की प्रगति को लेकर नाखुशी जताई है।

कोर्ट का कहना था, कि जांच की प्रगति हमारी उम्मीद के अनुरूप नहीं हो रही। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अलग-अलग एफआईआर में गवाहों की मिलीभगत पर असंतोष व्यक्त किया है। साथ ही, जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक पूर्व जज को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है।

'आपके पास इससे अलग कहने को कुछ नहीं'

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सोमवार को सर्वोच्च अदालत ने कहा, कि यूपी सरकार द्वारा दायर इस स्टेटस रिपोर्ट में यह कहने के अलावा कुछ भी नया नहीं है, कि अन्य गवाहों से पूछताछ की गई है। इस दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने का सुझाव भी दिया है। इस मसले पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से शुक्रवार तक अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। गौरतलब है, कि पिछले महीने प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान चार किसानों और एक राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत हो गयी थी।

इन रिटायर्ड जस्टिस का नाम सुझाया

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर जस्टिस रंजीत सिंह और जस्टिस राकेश कुमार जैन का नाम सुझाया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया है।

सुनवाई के दौरान क्या कहा चीफ जस्टिस ने?

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Justice NV Ramana) ने कहा, कि हमारा विचार है कि हाई कोर्ट के रिटायर जस्टिस केस की छानबीन रोजाना आधार पर मॉनिटर करें। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए यूपी सरकार से पूछा, कि केवल आशीष मिश्रा का फोन ही क्यों जब्त किया गया है? अन्य का क्यों नहीं? कोर्ट ने आगे कहा, कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि केस में सबूतों का कोई घालमेल न हो, हम मामले की जांच की निगरानी के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को नियुक्त करने की इच्छा रखते हैं।


हरीश साल्वे ने क्या दी सफाई?

दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, कि 'सिर्फ एक ही आरोपी मोबाइल रखता था'। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया, कि 'क्या एक ही मोबाइल रखता था', ये बात आपने कहां लिखकर दिया।' इस पर हरीश साल्वे ने बोले, 'वह छानबीन कैसे हो, इस पर निर्देश लेकर आएंगे।'

चीफ जस्टिस की बेंच कर रहा सुनवाई

बता दें, कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन. वी. रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई की। इससे पहले इसी पीठ ने 26 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार को इस मामले के अन्य गवाहों के बयान सीआरपीसी की धारा- 164 के तहत दर्ज करने का भी निर्देश दिया था।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story