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Lemon prices rise: दुनिया के सबसे बड़े नींबू उत्पादक देश में क्यों मची है हायतौबा, जानिये कारण

Lemon prices rise: नींबू की चढ़ती कीमतों (rising prices of lemons) ने जोर का झटका दिया है। बीते कुछ दिनों में इसकी कीमत इतनी चढ़ी है कि ये आम लोग के थाली से दूर हो चुकी है।

Krishna Chaudhary
Published on: 8 April 2022 5:30 PM IST (Updated on: 8 April 2022 6:05 PM IST)
Why there is a hue and cry in the worlds largest lemon producing country
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नींबू की बढती कीमतें: Photo - Social Media

Lemon prices rise: नींबू को लेकर इन दिनों देश में हायतौबा मचा हुआ है। पेट्रोल–डीजल और खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों (Rising prices of petrol and diesel) से हलकान जनता को नींबू की चढ़ती कीमतों (rising prices of lemons) ने जोर का झटका दिया है। बीते कुछ दिनों में इसकी कीमत इतनी चढ़ी है कि ये आम लोग के थाली से दूर हो चुकी है। एक माह में ही नींबू 70 रूपये से 400 रूपये तक पहुंच गया है। बाजार में सब्जी बेचने वाले तो एक नींबू की कीमत 10 रूपये तक ले रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में भी लोगों को इसकी बढ़ी हुई कीमतों से जल्द राहत मिलने के आसार नहीं हैं। तो आइए एक नजर भारत में नींबू के उत्पादन और कीमतों में अचानक हुई बेतहाशा वृद्धि पर डालते हैं।

भारत में नींबू का उत्पादन

नींबू भारत में एक प्रमुख बागवानी वाली फसल है। आम और केले के बाद नींबू की खेती देश में सबसे अधिक की जाती है। देश के लगभग तमाम राज्यों में नींबू की खेती की जाती है। सरकार भी लगातार देश में किसानों को नींबू की बागवानी के लिए प्रोत्साहित कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा बागवानी मिशन इसके उदाहरण है।

भारत संभवतः दुनिया में नींबू का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत में कुल फल उत्पादन में नींबू तीसरा स्थान रखता है। पहले और दूसरे स्थान पर आम और केला है। इसके अलावा भारत नींबू का निर्यातक भी है। पपीता के बाद भारत से सबसे अधिक निर्यात नींबू का ही होता है। भारत से आयात – निर्यात होने वाले सामानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट कनेक्टटूइंडिया.कॉम के मुताबिक भारत ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में दुनिया के 99 देशों में नींबू का निर्यात किया है। जिसकी कीमत 15.02 मिलियन यूएस डॉलर है।

देखें वीडियो:-


प्रमुख नींबू उत्पादक राज्य

भारत के लगभग तमाम तमाम राज्यों में नींबू का उत्पादन होता है। भारत में कागजी नींबू की पैदावार सबसे अधिक होती है। इसे बारहमासी नींबू भी कहते हैं। नींबू के पेड़ बुआई के तीसरे साल में फल देने लगते हैं। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के मुताबिक गुजरात देश का सबसे बड़ा नींबू उत्पादक राज्य है। 2017-18 में भारत में 31.47 लाख टन नींबू का उत्पादन हुआ था। जिसमें 6.05 लाख टन नींबू गुजरात में उगाया गया। इसके बाद आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा का स्थान आता है।

Photo - Social Media

नींबू की कीमतों में आए उछाल के पीछे चार प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। जो इस प्रकार है –

1. बेमौसम बारिश – देश के प्रमुख नींबू उत्पादक क्षेत्रों में हुई बेमौसम बारिश ने फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हुई बेमौसम बारिश ने सबसे अधिक नींबू की फसल को डैमेज किया है। यही वजह है कि बाजार में आवाक कम होने से नींबू के भाव तेजी से चढ़ रहे हैं।

2. फैक्ट्रियों में डिलीवरी – इस साल गर्मी समय से पहले ही शुरू हो गई है। मार्च के महीने में ही देश के कई हिस्सों में पारा 40 डिग्री को छू चुका था और लू चलने लगी थी। लिहाजा सॉफ्ट ड्रिंक की डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बाजार में आए इस बंपर डिमांड को भूनाने के लिए कंपनियां जमकर नींबू खरीद रही हैं। खेतों से नींबू सीधा फैक्ट्रियों में पहुंच रहा है। बाजार में आम उपभोक्ताओं के लिए नींबू कम पहुंच रहा है। इस वजह से नींबू के दाम में आग लग चुकी है।

3. महंगा ईंधन – बीते कुछ दिनों से पेट्रोल – डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। माल ढुलाई में डीजल वाहनों का अहम योगदान होता है। डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृध्दि के कारण माल भाड़ा काफी बढ़ चुका है। इसका असर भी नींबू की कीमतों पर दिख रहा है।

4. रमजान और नवरात्र – इस समय रमजान और नवरात्र जैसे दो प्रमुख त्यौहार चल रहे हैं। व्रत और रोजे के दौरान भी नींबू का इस्तेमाल ज्यादा होता है। इस समय उत्पादन कम है और डिमांड ज्यादा है।



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Shashi kant gautam

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