×

कोरोना काल में बीमा कंपनियों ने 2.2 लाख से ज्यादा मौतों के दिये क्लेम

Coronavirus: बीमा के तहत जिन 2.27 लाख कोरोना मृत्यु दावों का निपटारा किया गया है वे भारत के वर्तमान आधिकारिक कोरोना मृत्यु आंकड़े - लगभग 5.24 लाख के 43 प्रतिशत हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 11 May 2022 10:48 AM GMT
Coronavirus
X

कोरोना से मौते (फोटो: सोशल मीडिया )

Coronavirus: जीवन बीमा कंपनियों (Life Insurance companies) ने मार्च 2020 में देश में महामारी (coronavirus) की चपेट में आने के बाद से 17,362.48 करोड़ रुपये का भुगतान करते हुए 2,27,268 कोरोना मौतों के क्लेम का निपटारा किया है।

द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ये जानकारी मिली है। जीवन बीमा बाजार के सबसे बड़े प्लेयर जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 92,536 कोरोना मृत्यु दावों को 3,177 करोड़ रुपये में निपटाया, जबकि 23 निजी कंपनियों ने एक साथ 1,34,732 दावों का निपटान किया और 14,185 करोड़ रुपये का भुगतान किया। ये खुलासा बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक व्यक्तिगत, ग्रुप पालिसी और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत कोरोना मृत्यु के दावों के मुआवजे की सूचना दी गई थी। गणना से संकेत मिलता है कि प्रति व्यक्ति औसत दावा 7,63,965 रुपये का था।

बीमा के तहत जिन 2.27 लाख कोरोना मृत्यु दावों का निपटारा किया गया है वे भारत के वर्तमान आधिकारिक कोरोना मृत्यु आंकड़े - लगभग 5.24 लाख के 43 प्रतिशत हैं। ऐसे देश में जहां बमुश्किल 4 फीसदी आबादी के पास जीवन बीमा है, यह बीमित समूह में कोरोना से होने वाली मौतों की बड़ी संख्या है।

जिस तरह से बीमाकर्ता किसी मौत को कोरोना से मौत के रूप में वर्गीकृत करते हैं, वह सरकार के वर्गीकरण से अलग है।

फरवरी में समाचार रिपोर्ट्स में कहा गया था कि एलआईसी द्वारा निपटाए गए दावों का संकेत है कि कोरोना संबंधित सरकार की मृत्यु दर की कम रिपोर्टिंग की गई है। इस पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा था कि ये सब अटकलबाजी है। मंत्रालय ने कहा कि - भारत सरकार ने कोरोना मौतों को वर्गीकृत करने के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त वर्गीकरण को अपनाया है। इस प्रकार अपनाए गए मॉडल में भारत में कुल मौतों का संकलन राज्यों द्वारा स्वतंत्र रिपोर्टिंग के आधार पर केंद्र द्वारा किया जाता है।

बीमा कंपनियों का तरीका

जीवन बीमा कंपनियों से कोरोना मृत्यु के दावों पर प्राप्त आईआरडीएआई के आंकड़े भी दावेदारों की स्व-घोषणा पर आधारित हैं। जीवन बीमा दावा प्रपत्र आम तौर पर दावेदारों से बीमित व्यक्ति की मृत्यु का कारण, या अंतिम बीमारी के बारे में पूछते हैं। जीवन बीमा दावों को निपटाने के लिए आवश्यक एकमात्र अनिवार्य दस्तावेज मृत्यु प्रमाण पत्र है, जो संयोगवश, मृत्यु के कारण का उल्लेख नहीं करता है। ऐसे में बीमा कंपनियों से कोरोना मृत्यु के आंकड़ों की तुलना सीधे आधिकारिक संख्या से नहीं की जा सकती है।

नियामक कानून

भारत के नियामक कानूनों के तहत जीवन बीमा पॉलिसियां कोरोना के कारण मृत्यु को कवर करती हैं। कुछ योजनाओं में अस्पताल में भर्ती और निदान की लागत भी शामिल होती है। 2020 से आईआरडीए कोरोना मौतों के कारण किए गए दावों पर बीमाकर्ताओं से डेटा एकत्र कर रहा है।

यदि किसी कोरोना पीड़ित रोगी की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने या कोरोना से उत्पन्न अन्य जटिलताओं से होती है, तो उसे कोरोना मौत माना जाता है। बीमित व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पड़ने से और उस व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने पर क्लेम का भुगतान करना होगा। मौत कैसे हुई ये बीमा कंपनी के लिए यह महत्वहीन है क्योंकि मृत्यु के बाद दावे का भुगतान तो करना ही होगा।

व्यक्तिगत जीवन बीमा के मामले में, 2020-21 के दौरान कुल 11.01 लाख दावों में से, जीवन बीमाकर्ताओं ने कुल 26,422 करोड़ रुपये के साथ 10.84 लाख दावों का निपटारा किया। बीमा कंपनियों ने 865 करोड़ रुपये के 9,527 दावों को खारिज कर दिया और 60 करोड़ रुपये के 3,032 दावों को खारिज कर दिया।आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि बीमा कंपनियों ने 516.49 करोड़ रुपये के 1,929 दावों का निपटान नहीं किया है - ये या तो खारिज हो सकते हैं या लंबित दावे हो सकते हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story