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Loudspeaker Controversy: महाराष्ट्र से शुरू विवाद यूपी में मचा रहा शोर, जानिए लाउडस्पीकर पर कानून
Loudspeaker : MNS प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) द्वारा महाराष्ट्र में शुरू किया गया लाउडस्पीकर विवाद (Loudspeaker Controversy) अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तक आ पहुंचा है।
Azaan Controversy : देश में एक बार फिर अजान के मुद्दे को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई बार की तरह फिर एक बार यह मांग हो रहा है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर (Loudspeaker) हटाया जाए। इस बार इस विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र की राजनीति से हुई है। जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति से शुरू हुआ लाउडस्पीकर का यह विवाद अब पूरे देश में शोर मचा रहा है। एक और जहां कई हिंदू संगठन उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अजान के वक्त लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाते नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दल भी एक दूसरे पर वार पलटवार कर रहे हैं।
इस बार कैसे शुरू हुआ लाउडस्पीकर विवाद?
इस बार देश में लाउडस्पीकर विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र की राजनीति से हुई जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य सरकार को यह चेतावनी दी कि 3 मई तक राज्य के सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा लिया जाए। एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा- "राज्य सरकार 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा ले अन्यथा उसके बाद हम मस्जिदों के सामने स्पीकर रखकर उससे तेज हनुमान चालीसा बजाएंगे।"
राज ठाकरे द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद इस पर सियासत गरमा गई। इसी बीच राज ठाकरे ने बीते मंगलवार को एक बार फिर एक जनसभा को संबोधित करते हुए लाउडस्पीकर विवाद पर बोला। उन्होंने कहा 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर बंद होने चाहिए वरना हम स्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे यह धार्मिक मुद्दा नहीं, एक सामाजिक मुद्दा है। मैं राज्य सरकार से कहना चाहता हूं, हम इस विषय पर पीछे नहीं हटेंगे आप जो करना चाहते हैं वह कर लें।
महाराष्ट्र सरकार ने राज ठाकरे को घेरा
एमएनएस (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने बीते मंगलवार को तलवार लहराते हुए लाउडस्पीकर के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दिया। इस चेतावनी के तुरंत बाद ही महाराष्ट्र सरकार ने एक्शन लेते हुए राज ठाकरे के खिलाफ आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।
यूपी तक पहुंचा लाउडस्पीकर विवाद का शोर
महाराष्ट्र से शुरू हुए लाउडस्पीकर बात का शोर अब उत्तर प्रदेश भी आ पहुंचा है। प्रदेश के कई जिलों में हिंदू संगठनों द्वारा लाउडस्पीकर लगाकर अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है। हाल ही में युवा क्रांति मंच संगठन के कई कार्यकर्ताओं ने अलीगढ़ के गांधी पार्क इलाके में लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस मामले पर युवा क्रांति मंच संगठन द्वारा यह तर्क दिया गया कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर कम करने के लिए जिला प्रशासन को हमने ज्ञापन दिया था। जब हमारे ज्ञापन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो हमने भी लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया है।
गांधी पार्क क्षेत्र में लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद युवा क्रांति मंच की ओर से कहा गया कि हम जल्द ही शहर के हर चौराहे पर लाउडस्पीकर लगाएंगे और ठीक अजान के वक्त वहीं हम भी तेज आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे और आरती करेंगे।
वहीं अलीगढ़ में छात्र संगठन एबीवीपी की ओर से भी शहर के कई चौराहों पर लाउडस्पीकर लगाने के लिए प्रशासन की ओर से अनुमति मांगा गया है। साथ ही छात्र संगठन ने प्रशासन को यह चेतावनी भी दी है कि अगर हमें बगैर किसी ठोस कारण के अनुमति देने से मना किया गया तो हम बिना इजाजत के ही 19 अप्रैल को शहर के चौराहों पर लाउडस्पीकर लगा देंगे।
कासगंज में भी अजान का हुआ विरोध
अलीगढ़ के अलावा उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में भी आजान का विरोध देखने को मिला जहां जिले के पटियाला कस्बा में हिंदू संगठन के लोगों ने अजान का विरोध करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया। हनुमान चालीसा का पाठ मस्जिद के ठीक सामने स्पीकर लगाकर किया गया।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और कासगंज के अलावा प्रदेश के कई जिलों में हिंदू संगठनों द्वारा यह मांग किया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाया जाए। साथ ही यह हिंदू संगठन यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि अगर लाउडस्पीकर को जल्द से जल्द नहीं हटाया गया तो हम भी रोज अजान के वक्त पर ही हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
मध्यप्रदेश में भी पहुंचा लाउडस्पीकर विवाद का शोर
महाराष्ट्र के लाउडस्पीकर विवाद कसूर उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश तक भी पहुंच गया। जहां हाल ही में रामनवमी के दिन खरगोन हिंसा हुई वहीं आज हनुमान जन्मोत्सव के दिन राज्य के कई शहरों में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के विरोध में हनुमान चालीसा पाठ का बड़ा आयोजन किया गया है। इस आयोजन के द्वारा यह हिंदू संगठन चेतावनी भी दे रहे हैं कि अगर जल्द से जल्द मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो हम भी मंदिरों पर लाउडस्पीकर लगाकर हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
शरद पवार ने कहा मुद्दे को गंभीरता से ले सरकार
लाउडस्पीकर को लेकर जुड़े विवाद को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) को कहा कि उन्हें राज ठाकरे के इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए और इस मुद्दे को लेकर सजग रहना चाहिए तथा उचित फैसला लेना चाहिए।
आदित्य ठाकरे का राज ठाकरे पर निशाना
बीते दिन महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने लाउडस्पीकर विवाद को लेकर राज ठाकरे पर निशाना साधा। आदित्य ठाकरे ने हनुमान चालीसा पाठ के मुद्दे पर इशारों इशारों में कहा कि कीमतों में वृद्धि की चर्चा के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग किया जाना चाहिए। आदित्य ने कहा "वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"
मदरसे पर रेड करने की मांग
वैसे तो राज ठाकरे हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और बीजेपी (BJP) की आलोचना करते ही नजर आते हैं लेकिन बीते कुछ दिनों से वह महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय होते हुए भारतीय जनता पार्टी की खूब तारीफ कर रहे हैं। पीएम मोदी से अपील करते हुए राज ठाकरे ने कहा- "मुस्लिम बस्तियों के मदरसों में देशद्रोही रहते हैं तथा इन बस्तियों में पाकिस्तान के समर्थक भी रहते हैं। यहां के नेता इन्हें वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करते हैं मगर उनके पास तो कोई आधार कार्ड भी नहीं है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि मदरसों और मुस्लिम झोपड़ियों पर छापा मरवाया जाए।"
लाउडस्पीकर को लेकर क्या कहता है कानून?
एक और जहां लाउडस्पीकर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है ऐसे में लाउडस्पीकर को लेकर हमारे देश का कानून क्या कहता है यह जानना भी बेहद जरूरी है भारतीय संविधान के मुताबिक नॉइस पॉल्यूशन रेगुलेशन एंड कंट्रोल रूल्स 2002 के मुताबिक लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने की कोई मनाही नहीं है लेकिन इसको इस्तेमाल करते हुए कुछ शर्तों का पालन करना होता है।
क्या है शर्तें?
लाउडस्पीकर को इस्तेमाल करने के लिए भारतीय संविधान में यह करते हैं कि लाउडस्पीकर या कोई भी यंत्र किसी सार्वजनिक स्थल पर उपयोग करने के लिए प्रशासन से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य है। साथ ही लाउडस्पीकर या कोई भी शोर मचाने वाला यंत्र रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक नहीं बजाया जा सकता। हालांकि की यह नियम एक पब्लिक प्लेस के लिए है। संविधान के मुताबिक किसी संगठन या किसी धार्मिक कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार लाउडस्पीकर बजाने को लेकर समय में 2 घंटे तक की रियायत दे सकती है मगर ऐसा 1 साल के भीतर सिर्फ 15 बार ही किया जा सकता है।
संविधान के मुताबिक साइलेंस जोन जैसे अस्पताल कोर्ट या कोई शैक्षिक संस्थान जैसे क्षेत्रों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का शोर मचाने वाला यंत्र नहीं बजाया जा सकता। साथ ही कमर्शियल इलाकों में लाउडस्पीकर या किसी भी यंत्र का आवाज दिन में 65 डेसीबल से अधिक नहीं तो वहीं, रात में 55 डेसीबल तक ही रखा जा सकता है। इसके अलावा किसी भी रिहायशी इलाके में दिन के वक्त में लाउडस्पीकर की ध्वनि केवल 55 डेसीबल तक ही रखी जा सकती है, वहीं रात में इसे महज 45 डेसीबल पर ही बजाना है।
नियमों के उल्लंघन पर क्या है सजा?
भारतीय संविधान के एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के मुताबिक अगर किसी भी तरह के शोर-शराबे वाले यंत्र को नियमित तौर पर नहीं बजाया जाता है तो इसके लिए नियम का उल्लंघन करने वाले पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। साथ ही उसे 5 साल के लिए कैद की सजा भी दी जा सकती है।