×

भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आने के संकेत, इन सेक्टरों में देखी गई बढ़त

भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी देखी गई है, जहां जीएसटी कलेक्शन से लेकर विनिर्माण सेक्टरों में तेजी से इसके बढ़ने के संकेत मिले हैं।

Network
Newstrack NetworkPublished By Deepak Raj
Published on: 1 Aug 2021 4:04 PM GMT (Updated on: 1 Aug 2021 4:34 PM GMT)
Symbolic picture taken from social media
X
प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-सोशल मीडिया)

Lucknow News: कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था को चैपट कर के छोड़ दिया है। भारत की जीड़ीपी की हालत काफी खराब है वहीं कृषि क्षेत्रों के विकास ने भारत के इकोनॅामी को कुछ हद तक संभालने का काम किया है। 2020 में सभी सेक्टरों की स्थिती पतली हो चली थी लेकिन कृषि सेक्टर ने भारत कि अर्थव्यवस्था को संभाले रखा था। कृषि क्षेत्र के विकास दर में कोई खास कमी दर्ज नहीं की गई थी। जबकि सर्विस सेक्टर, मैनूफैक्चरिंग आदि सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई थी।


प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)


आपको बता दें की कोरना की दूसरी लहर ने भी इकानॅामी पर गंभीर चोट पहुंचाई। मई औऱ जून में अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर कोरोना संकट का तगड़ा असर देखने को मिला। लेकिन जुलाई महीने के जिस तरह आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसमें इकोनामी में तेज रिकवरी के संकेत मिले हैं। अगस्त महीने के पहले दिन ही कई आंकड़े सामने आए हैं, जो मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर है। लगातार 8 महीने यानी मई तक जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ से अधिक रहने के बाद जून में कोरोना संकट की वजह से लुढ़क गया था।

जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा सामने आया है

लेकिन जुलाई में एक बार फिर जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा सामने आया है। जुलाई में जीएसटी कलेक्शन 33 फीसदी बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जुलाई के जीएसटी राजस्व के आंकड़े से अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। इससे पहले जून-2021 में जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ॉ रुपये से कम यानी 92,849 करोड़ रुपये रहा था। जबकि जुलाई 2020 में जीएसटी कलेक्शन 87,422 करोड़ रुपए रहा था।

दूसरी लहर के बाद पाबंदियों में छूट से देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 फीसदी बढ़ाकर 125.51 अरब यूनिट पर पहुंच गई। यह महामारी पूर्व के स्तर के लगभग बराबर है। बिजली मंत्रालय के आंकड़े से यह जानकारी मिली है। इस साल अप्रैल से बिजली की व्यवसायिक औऱ औद्योगिक मांग राज्यों द्वारा लगाए अंकुशों से प्रभावित हुई थी। जुलाई-2020 में बिजली की खपत 112.14 अरब यूनिट रही थी। यह महामारी से पहले यानी जुलाई-2019 के 116.48 अरब यूनिट के आंकड़े से थोड़ा ही कम है।


विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मॅानसून में देरी औऱ राज्यों द्वारा अकुशों में ढ़ील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है। आगामी महीनों में इसमें और सुधार की उम्मीद है। भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन जून में सलाना आधार पर 21.4 प्रतिशत बढ़कर 94 लाख टन हो गया। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के मुताबिक पिछले साल जून में कच्चे इस्पात का उत्पादन 69 लाख टन था। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन को रिपोर्ट करने वाले 64 देशों का उत्पादन जून 2021 में 16.79 करोड़ टन था, जो जून 2020 की तुलना में 11.6 प्रतिशत अधिक है।


प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो-सोशल मीडिया)


जुलाई महीने में वाहनों की बिक्री में भी तेज उछाल दर्ज किया गया है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की सालाना आधार पर जुलाई में 50 फीसदी ब्रिक्री बढ़ी। कंपनी ने पिछले महीने कुल 1,62,452 गाडियां बेची। इसमें से 1,36,500 गाडियां भारत में बेची और 21,224 गाड़ियों को एक्सपोर्ट किया है। जबकि 4,738 गाड़ियां ओऱिजनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर की थी। कंपनी ने जुलाई 2020 में कुल 1,08,064 वाहन बेचे थें।

गाड़ियों की बिक्री में हुई बढ़ोतरी

वहीं हुंडई मोटर इंडिया ने बताया कि जुलाई में उसकी बिक्री सालाना आधार पर 46 फीसदी बढ़ी है। कंपनी जुलाई-2021 में कुल 60,249 यूनिट्स बेचने में सफल रही है। जबकि एक साल पहले समान अवधि में हुंडई ने कुल 41,300 यूनिट्स गाडियां बेची थीं। बिक्री के मामले में टाटा मोटर्स ने जुलाई में शानदार 92 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। जुलाई में कुल 51,981 टाटा की कारें बिकीं। जबकि जुलाई-2020 में कंपनी ने कुल 27,024 गाडियां बेची थीं। यहीं नहीं महीने-दर-महीने के आधार पर भी बिक्री 19 फीसदी बढ़ी है। जून-2021 में कुल 43,704 गाडियां बिकी थी।

Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story