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Lunar eclipse 2021: जानिए खगोलशास्त्रियों की क्या है तैयारी, कौन सा राज खुलने की है उम्मीद

आज यानी 26 मई को वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण कुछ ही घंटों में लगने जा रहा है।

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 26 May 2021 7:13 AM GMT
Lunar Eclipse 2021
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चंद्र ग्रहण 2021 की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। आज यानी 26 मई को वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण कुछ ही घंटों में लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण का संबंध ज्योतिष, खगोल शास्त्र से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इस दौरान कई ऐसी गतिविधियां होती हैं जो मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। चंद्रग्रहण को लेकर ज्योतिषाचार्यों ओर खगोलशास्त्रियों की तरफ से भविष्यवाणी भी की गई है। बुधवार को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। वहीं देश में आज चक्रवाती तूफान यास भी आ रहा है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि चंद्र ग्रहण की वजह से यह घटना क्रम हो रहा है।

प्राकृतिक घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं

प्राकृतिक घटनाक्रमों को चंद्र ग्रहण के असर से जोड़कर देखने पर एक वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक का कहना है कि इस आंशिक चंद्र ग्रहण को लेकर समुद्र की ज्वारीय लहरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। खगोल वैज्ञानिक के अनुसार इस आंशिक चंद्र ग्रहण को चक्रवात से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। वहीं एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवी प्रसाद दुआरी के मुताबिक चक्रवात की वजह से अगर आसमान में बादल छाए रहते हैं तो लोग ब्रह्मांडीय घटना को देखने से वंचित रह सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज ही के दिन चक्रवात तूफान यास का आना एक संयोग है। ऐसे में समुद्र में नदियों और जल निकायों में प्रवाह बढ़ रहा है या उच्च ज्वार भाटे जैसी स्थिति बनने के पीछे ग्रह की स्थिति को जोड़कर देखना गलत होगा। ऐसे में अगर क्षेत्रों में बाढ़ आती है या जल निकायों में तेज प्रवाह की स्थिति बनती है तो यह आ रहे तूफान की वजह से हो सकता है। वह मौसम का घटनाक्रम है, जिससे तूफान बनता है।

बता दें कि चक्रवाती तूफान यास अपना भयानक रूप ले चुका है। यह तूफान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) अगले कुछ घंटों में तटीय इलाकों से टकराएगा। जोकि चंद्रग्रहण के समय के साथ मिल रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान यास का असर ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित 8 राज्यों पर पड़ेगा। हालांकि वैज्ञानिकों को ग्रहण के आब्जर्वेशन से कुद राज खुलने की उम्मीद है। इसके लिए वह भी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

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