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Madhya Pradesh News: साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान, हेमंत करकरे पर देशभक्त का कसा तंज
Madhya Pradesh News: साध्वी प्रज्ञा ने पूर्व एंटी टेररिस्ट स्क्वाड प्रमुख हेमंत करकरे को मुद्दा बनाने हुए कहा कि जो देशभक्त हैं वो उन्हें देशभक्त नहीं मानते।
Madhya Pradesh News: भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने विवादित बयानों की वजह से एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। साध्वी प्रज्ञा ने पूर्व एंटी टेररिस्ट स्क्वाड प्रमुख हेमंत करकरे को मुद्दा बनाने हुए कहा कि जो देशभक्त हैं वो उन्हें देशभक्त नहीं मानते। सीहोर में आपातकाल की बरसी पर आज प्रज्ञा ठाकुर एक कार्यक्रम में संबोधित पहुंची थी।
ऐसे में इस बीच सीहोर में उन्होंने कहा कि 'एक इमरजेंसी 1975 में लगी थी और एक इमरजेंसी जैसी स्थिति बनी थी 2008 में जब मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जेल में बंद किया गया था। हेमंत करकरे को लोग देशभक्त कहते हैं, लेकिन जो वास्तव में देशभक्त हैं वह उसको देशभक्त नहीं कहते हैं। उन्होंने मेरे आचार्य, जिन्होंने मुझे कक्षा आठवीं में पढ़ाया, उनकी उंगलियां तोड़ दी थी।'
बीजेपी और उनकी आतंकी धरोहर
दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला है। इस बारे में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'जिस प्रज्ञा सिंह ने अपने कर्म और आचरण से भगवा वस्त्र, वास्तविक हिंदुत्व और राष्ट्रधर्म को कलंकित किया है, उन्होंने आज उन्हें शिक्षित करने वाले दिवंगत आचार्य के चेहरे पर भी कालिख पोत दी।
आगे उन्होंने लिखा कि उनकी शिष्या ने अपने अपराध छुपाने के लिए अनेकों बम धमाकों में अपने वरिष्ठ सहयोगी संघ प्रचारक सुनील जोशी की भी अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर डाली, वाह शिष्या. धन्य है, बीजेपी और उनकी आतंकी धरोहर !
मोदी जी, आप प्रज्ञा सिंह को कब तक / कितनी मर्तबा माफ करते रहेंगें?'
बता दें, कार्यक्रम के दौरान ऐसे विवादित बयान देकर सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर नया विवाद खड़ा कर दिया है। वहीं इससे पहले भी लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने करकरे को लेकर बयान दिए थे जिसपर उनकी बहुत ज्यादा किरकिरी हुई थी।
ये हैं हेमंत करकरे
एंटी टेररिस्ट स्क्वाड(ATS) के प्रमुख हेमंत करकरे, अशोक चक्र प्राप्त मुंबई के आतंक विरोधी दस्ते के प्रमुख थे। वे 26 नवम्बर 2008 को मुंबई में हुए बम धमाकों और गोलीबारी में बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हो गए।
बता दें, एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। सन् 1982 में वो आईपीएस अधिकारी बने, महाराष्ट्र के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के बाद इनको एटीएस चीफ बनाया गया था। इन्होंने कई कारनामे किए। 26 नवंबर 2009 में इस शहीद की शहादत को सलाम करते हुए भारत सरकार ने मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
इस मामले में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी। लेकिन उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे।