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इलेक्‍शन वाले राज्‍यों में कोरोना विस्‍फोट, जिम्‍मेदार कौन?

कोरोना के मौजूदा आंकड़े बता रहे हैं कि चुनाव आयोग का फैसला पूरी तरह से विवेकहीन साबित हुआ है।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By APOORWA CHANDEL
Published on: 26 April 2021 11:45 AM GMT (Updated on: 26 April 2021 1:24 PM GMT)
सभी टीकाकरण केंद्र में पहुंच जाएंगी
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कोरोना मरीज (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने जिन पांच राज्‍यों में दो महीने लंबे चुनाव आयोजित कराए हैं वहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। पश्चिम बंगाल में सातवें चरण का मतदान आज हो रहा है अभी एक चरण का मतदान बाकी है। असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में मतदान हो चुके हैं लेकिन इन सभी राज्‍यों में कोरोना संक्रमितों की तादाद कई गुना बढ़ गई है। ऐसे ही हालत से नाराज होकर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को लताड़ लगाई है और उन्‍हें लोगों की मौत का जिम्‍मेदार बता डाला है। कोरोना के मौजूदा आंकड़े बता रहे हैं कि चुनाव आयोग का फैसला पूरी तरह से विवेकहीन साबित हुआ है। देश के अनेक विशेषज्ञ जिस बात से डरे हुए थे वही हो रहा है। कोरोना सूनामी का जिम्‍मेदार पूरी तरह से चुनाव आयोग को ही ठहराया जाना चाहिए।

देश में कोरोना महामारी से जो हाहाकार मचा है इसमें सरकारों की नाकामी और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की बदहाली जहां जिम्‍मेदार है वहीं चुनाव आयोग भी कम जिम्‍मेदार नहीं है। चुनाव आयोग ने अपने अविवेकी फैसले से पांच राज्‍यों में चुनाव का दो महीने लंबा कार्यक्रम जारी किया और चुनाव रैलियों के आयोजन की खुली छूट दे डाली। चुनाव आयोग ने वर्चुअल रैली और रेडियो भाषणों का सहारा नहीं लिया। रैलियों और मतदान के दौरान लापरवाही दिखी इसके बावजूद राजनीतिक दलों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसका खामियाजा आज पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। जिन पांच राज्‍यों में चुनाव कराए गए हैं वहां की हालत बद से बदतर होती जा रही है। यही वजह है कि मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को अल्‍टीमेटम दिया है कि अगर वह उचित प्रबंध नहीं करता है तो उसे मतगणना कराने की छूट नहीं दी जाएगी।

चुनाव आयोग की लापरवाही के गवाह हैं कोरोना आंकड़े

पांच राज्‍यों असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराए हैं। इन पांचों राज्‍यों में मार्च महीने से ही कोरोना संक्रमित रोगियों की तादाद बढ़ने लगी और अप्रैल महीने में तो हाहाकार मच गया है। कई राज्‍यों में छह सौ प्रतिशत से लेकर 3100 प्रतिशत तक कोरोना रोगी बढ़े हैं। केंद्र सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस दौरान सबसे ज्‍यादा मामले केरल में बढ़े हैं जहां 26 अप्रैल 2021 के दिन दो लाख से ज्‍यादा कोरोना संक्रमित का उपचार किया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार असम में 16 से 31 मार्च के बीच केवल 537 लोग कोरोना संक्रमित थे जो 14 अप्रैल को बढ़कर 3398 और 26 अप्रैल को 16817 हो गए। यानी 3100 प्रतिशत से भी ज्‍यादा मरीज इस दौरान बढ़े हैं।

इसी तरह केरल में 31 मार्च तक तीस हजार सक्रिय संक्रमित थे जो 14 अप्रैल को बढ़कर 60 हजार और 26 अप्रैल को 219221 हो गए हैं। तमिलनाडु में 31 मार्च को 25 हजार सक्रिय रोगी थे जो 14 अप्रैल को बढ़कर 65458 और 26 अप्रैल को एक लाख 5180 हो गए। पुदुचेरी में 31 मार्च को 1400 संक्रमित रोगी थे जो 14 अप्रैल को 3721 और 26 अप्रैल को 7288 हो गए। इसी तरह पश्चिम बंगाल में जहां आज मतदान हो रहा है। अभी एक चरण का चुनाव बाकी है वहां 31 मार्च तक कुल 8062 सक्रिय रोगी थे । यहां 14 अप्रैल को बढ़कर 41927 हुए और 26 अप्रैल को सक्रिय रोगियों की तादाद 88800 पर पहुंच चुकी है।

Apoorva chandel

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