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मैग्नीशियम की कमी: मैग्नीशियम की सप्लाई पर मार, चीन ने घटा दिया प्रोडक्शन

मैग्नीशियम की कमी: मैग्नीशियम का इस्तेमाल लगभग हर जगह किया जाता है चाहे वह कारें हों या हवाई जहाज या स्मार्टफोन। मैग्नीशियम की ग्लोबल सप्लाई में 90 फीसदी हिस्सा चीन से आता है। यह सबसे हल्का स्ट्रक्चरल मटेरियल है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shashi kant gautam
Published on: 19 Dec 2021 1:08 PM GMT
Magnesium deficiency: A hit on the supply of magnesium, China reduced production
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मैग्नीशियम की कमी: photo - social media

New Delhi: दुनिया भर में सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक चिप (semiconductor or electronic chip) की भरी किल्लत बनी हुई है लेकिन अब एक अन्य महत्वपूर्ण कमोडिटी की घोर कमी सामने आ गयी है। ये आइटम है मैग्नीशियम (magnesium) है जो ऑटोमोबाइल (automobile industry), स्टील और एल्युमीनियम उद्योगों (steel and aluminum industries) में इस्तेमाल में लाया जाता है।

मैग्नीशियम का प्रमुख उत्पादक देश चीन (China) है और उसने इसका उत्पादन काफी घटा दिया है और इसके चलते उद्योगों में अफरातफरी मच गयी है। चीन द्वारा मैग्नीशियम का उत्पादन जल्द बढ़ाए जाने के संकेत भी नहीं हैं।

मैग्नीशियम सबसे हल्का स्ट्रक्चरल मटेरियल होता है

मैग्नीशियम सबसे हल्का स्ट्रक्चरल मटेरियल है और इसी वजह से इसका इस्तेमाल लगभग हर जगह किया जाता है चाहे वह कारें हों या हवाई जहाज या स्मार्टफोन। मैग्नीशियम की ग्लोबल सप्लाई में 90 फीसदी हिस्सा चीन से आता है। बाकी दस फीसदी सप्लाई रूस, ब्राज़ील और तुर्की से आती है। लेकिन चीन में कोयले की कमी और बिजली की कटौती के कारण मैग्नीशियम का प्रोडक्शन काफी घट गया है।

एक साल में मैग्नीशियम के दाम हुए दोगुने

इसके अलावा सप्लाई घटने के साथ साल भर में इसके दाम दोगुने हो चुके हैं। मैग्नीशियम प्रोडक्शन में बिजली की बहुत खपत होती है इसके चलते कार्बन उत्सर्जन को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। अगर चीन ने कार्बन उत्सर्जन को और घटाने के लिए और कोई निर्णय लिया तो मैग्नीशियम की सप्लाई और भी नीचे चली जायेगी।

मैग्नीशियम की सप्लाई घटने से यूरोप और अमेरिका में उद्योग जगत में चिंता का माहौल है। जर्मनी के मेटल ट्रेड एसोसिएशन डब्लूवी मेटल का अकहना है कि जर्मनी में मैग्नीशियम का स्टॉक इस साल ख़त्म हो जाएगा। उत्तरी अमेरिका में एलुमिनियम कंपनियों ने चेतावनी दी है कि प्रोडक्शन बाधित होने की कगार पर है। जापान अपनी मैग्नीशियम की डिमांड का 99 फीसदी हिस्सा चीन से मंगवाता है।

photo - social media

मैग्नीशियम

मैग्नीशियम पृथ्वी की सतह यानी क्रस्ट में सबसे बड़ी मात्रा में पाए जाने वाले पदार्थों में से एक है। लेकिन ये शुद्ध अवस्था में नहीं पाया जाता है। प्राकृतिक रूप से इसे पहली बार ग्रीस के मैग्नीशिया नामक स्थान पर खोजा गया इसीलिए इसका नाम मैग्नीशियम पड़ा है। मैग्नीशियम का पहली बार प्रोडक्शन 1808 में सर हम्प्फ्री डेवी (Sir Humphrey Davy) ने किया था। और 1886 में जर्मनी में पहला इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन शुरू हुआ था।

दुनिया में अधिकांशतः मैग्नीशियम, डोलोमाइट और मैग्नेसाईट खनिजों में मैग्नीशियम कार्बोनेट के रूप मिलता है। इसके अलावा ये समुद्र के पानी में भी पाया जाता है जिसे मैग्नीशियम क्लोराइड कहा जाता है। मैग्नीशियम का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के एलाय या मिश्रित धातु बनाने में होता है। मैग्नीशियम बेहद हल्का होता है, मिसाल के तौर पर ये एल्युमीनियम से 33 फीसदी हल्का और स्टील से 75 फीसदी हल्का होता है। कम घनत्व होने के बावजूद मैग्नीशियम की मजबूती एल्युमीनियम की भांति होती है।

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