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21 पॉइंट्स में जानिए महाभारत के बारे में वो सब जो 'हिला' के रख देगा!
Mahabharat: महाभारत सिर्फ कौरव पांडव की कहानी नहीं है। बल्कि ये उस समय के समाज का आइना है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल किया गया है और विस्तार से उनका उल्लेख किया गया, जिसके चलते महाभारत दुनिया का सबसे बड़ा महाकाव्य बन जाता है।
Mahabharat: अपने इधर सबसे ज्यादा बोला जाने वाला शब्द है महाभारत। जहां झगड़ा फसाद होता है वहां महाभारत। जहां बवाल वहां महाभारत। और हम उस देश में रहते हैं जहां हर दिन महाभारत है। लेकिन इस महाभारत को जानते कितने लोग है। तो ऐसे में हम आपको देने जा रहे हैं महाभारत से जुड़ा ढेर सारा ज्ञान।
महाभारत सिर्फ कौरव पांडव की कहानी नहीं है। बल्कि ये उस समय के समाज का आइना है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल किया गया है और विस्तार से उनका उल्लेख किया गया, जिसके चलते महाभारत दुनिया का सबसे बड़ा महाकाव्य बन जाता है।
महर्षि वेदव्यास ने महाभारत को तीन चरणों में लिखा। प्रथम चरण में 8,800 श्लोक, द्वितीय में 24 हजार और तृतीय में एक लाख श्लोक लिखे गए।
ज्योतिषियों की गणनाओं के मुताबिक कलियुग प्रारंभ होने से 6 मास पूर्व मार्गशीर्ष शुक्ल 14 तिथि को युद्ध आरंभ हुआ।
भगवत गीता भी महाभारत का छोटा सा हिस्सा है।
सदियों से महाभारत पर रिसर्च होते रहे हैं।
महाभारत 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व हुआ।
इस युद्ध में कहा जाता है कि दुनिया भर के राजा शामिल हुए थे। इस हिसाब से तो ये पहला विश्वयुद्ध कहा जा सकता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक श्री कृष्ण की इस युद्ध के समय आयु 55 या 83 वर्ष के मध्य थी।
महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला।
महाभारत ग्रंथ की रचना का काल ज्ञात करने के लिए इसमें बताए गए सूर्य व चंद्रग्रहण का अध्ययन किया गया।
इस अध्यन के मुताबिक महाभारत का रचनाकाल 31वीं सदी ईसा पूर्व है।
महाभारत में वर्णित कुल 150 खगोलीय घटनाओं का अध्यन किया गया। इसके बाद पता चला कि महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व को आरंभ हुआ।
महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ था।
युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र ही क्यों चुना श्री कृष्ण ने, इसके पीछे भी कारण था। इस क्षेत्र में जिन्हें मृत्यु प्राप्त होती वो स्वर्ग जाते इसलिए युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ।
भगवद्गीता में इसे धर्मक्षेत्र कहा गया है।
क्यों हुआ था महाभारत आपको पता ही है बचपन से सुनते देखते आ रह हैं। हम आपको बताते हैं कैसे हुआ था ये युद्ध।
महाभारत के मुताबिक इस युद्ध में रथ, घोड़े, हाथी, ऊंट के साथ वायुयान का भी प्रयोग हुआ था। इसके साथ जो भी हाथ लगा उसे जरुरत के मुताबिक हथियार बना लिया जाता था।
युद्ध में घातक अस्त्र, शस्त्र का प्रयोग हुआ था। अस्त्र वो हथियार कहे जाते हैं जिन्हें मन्त्रों से या किसी यन्त्र की सहायता से संचालित किया जाता है। जबकि शस्त्र भुजा बल से से चलाए जाते हैं।
पांडवों का शिविर हिरण्यवती नदी के तट पर था।
कौरवों का शिविर कुछ योजन दूर मैदान में था।
सूर्योदय से सूर्यास्त तक युद्ध होता था।