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Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव पर बड़ा असर डालेगा पांच राज्यों का जनादेश, बदलेगा समीकरण

Presidential Election 2022: पांच राज्यों के नतीजें डालेंगे राष्ट्रपित चुनाव पर बड़ा असर। राज्यसभा का भी बदल जाएगा समीकरण।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 11 March 2022 11:29 AM GMT
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राष्ट्रपति चुनाव की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Presidential Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) समेत पांच राज्यों का जनादेश सामने आ चुका है और इसका असर संबंधित राज्यों की राजनीति के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखना तय माना जा रहा है। देश में जल्द ही राष्ट्रपति का भी चुनाव होना है और उत्तर प्रदेश में मिली बड़ी जीत ने भाजपा को इस मामले में मजबूत स्थिति में ला दिया है। देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का कार्यकाल अगली 24 जुलाई को समाप्त होने वाला है और अब उनके उत्तराधिकारी के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इसके साथ ही राज्यसभा में सदस्यों के समीकरण पर भी चुनावी नतीजों का असर पड़ना तय माना जा रहा है। पंजाब में मिली बड़ी जीत के बाद अब राज्यसभा में आप के सदस्यों की संख्या में जल्द ही बढ़ोतरी होगी। उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी कई सदस्यों का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है और इस मामले में अब भाजपा को फायदा होना तय माना जा रहा है।

एनडीए (NDA) के लिए आसान हुई राह

उत्तर प्रदेश में मिली बड़ी जीत के कारण भाजपा को राज्य स्तर पर मिलने वाले लाभ के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा फायदा होगा। यदि उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे समाजवादी पार्टी गठबंधन के पक्ष में रहे होते तो भाजपा को राष्ट्रपति चुनाव में बीजू जनता दल, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे अन्य दलों पर निर्भर रहना पड़ता मगर अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत 4 राज्यों में मिली जीत के बाद भाजपा की राह आसान हो गई है।

राष्ट्रपति के चुनाव के निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य, राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और पुडुचेरी शामिल है। लोकसभा के पूर्व महासचिव पी श्रीधरन का भी मानना है कि पांच राज्यों के चुनावी नतीजे से एनडीए को भारी फायदा हुआ है। सियासी जानकारों का भी मानना है कि पांचों राज्यों मैं मिली चुनावी जीत ने राष्ट्रपति चुनाव के मामले में भाजपा की राह काफी आसान कर दी है।


राज्यसभा का समीकरण भी प्रभावित होगा

पांच राज्यों के चुनावी जीत का असर राज्यसभा में सदस्यों की संख्या पर भी पड़ेगा। आने वाले समय में विभिन्न राज्यों के काफी संख्या में सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। ऐसे में भाजपा को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। भाजपा के कई सदस्य फिर राज्यसभा में पहुंचने में कामयाब होंगे। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी भले ही चुनाव हार गई है मगर और राज्यसभा में सदस्यों के मामले में उसे भी फायदा होगा क्योंकि पार्टी के विधायकों की संख्या पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गई है।

आप को होगा बड़ा फायदा

आम आदमी पार्टी को पंजाब में मिली बड़ी जीत का राज्यसभा में काफी फायदा होगा। पंजाब से राज्यसभा के 5 सदस्यों का कार्यकाल मार्च में ही समाप्त होना है। ऐसे में जल्द ही आपके पांच राज्यसभा सदस्य चुन लिए जाएंगे। जून महीने में भी पंजाब के दो राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होगा और इन सीटों पर भी आप को जीत मिलना तय माना जा रहा है। इस तरह आम आदमी पार्टी के जून तक राज्यसभा में 10 सदस्य हो जाएंगे और वह राज्यसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी हो जाएगी।

गुजरात और हिमाचल पर भी पड़ेगा असर

पांच राज्यों में चुनावों के बाद अब इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। पांच राज्यों से निकले संदेश का इन दोनों और राज्यों पर भी असर पड़ना तय माना जा रहा है। मौजूदा समय में गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। पांच राज्यों का चुनाव समाप्त होने के बाद अब भाजपा पूरी ताकत के साथ इन दोनों राज्यों में भी लगने की तैयारी में जुट गई है।

इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। आम आदमी पार्टी ने पहले ही इन दोनों राज्यों में चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है। दूसरी ओर पांच राज्यों में मिली शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस के हौसले पूरी तरह पस्त दिख रहे हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा को आप या कांग्रेस कौन सा दल मजबूत चुनौती देता है।

Divyanshu Rao

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