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Manipur में बुरा हाल, पेट्रोल पंप सूखे, आवागमन बन्द
Manipur News: मणिपुर 2017 से पहले तक महीनों चलने वाली आर्थिक नाकेबंदियों के लिए कुख्यात रहा था।
Manipur News: एक विवादित जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई के चलते मणिपुर (Manipur News) में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। राज्य में पेट्रोल डीजल समेत आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई ठप हो गई है। अब रेलवे से गुजारिश की गई है कि किसी तरह सप्लाई भेजे। मणिपुर 2017 से पहले तक महीनों चलने वाली आर्थिक नाकेबंदियों के लिए कुख्यात रहा था। अब करीब पांच साल बाद उसे एक बार फिर इसका दंश झेलना पड़ रहा है।
ये स्थिति नागालैंड के एक आदिवासी संगठन सदर्न अंगामी पब्लिक ऑर्गनाइजेशन (एसएपीओ) की ओर से मणिपुर-नागालैंड सीमा पर 9 दिनों से जारी बेमियादी नाकाबंदी की वजह से है। नेशनल हाईवे 2 और 53 को मणिपुर की जीवन रेखा कहा जाता है क्योंकि ये सड़क नागालैंड होकर मणिपुर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है। लेकिन 9 दिनों से ये लाइफ लाइन ब्लॉक है। कुछ ट्रक काफी लंबे रास्ते से राजधानी इंफाल पहुंचे हैं, लेकिन उनमें आने वाला सामान मांग के मुकाबले बेहद नाकाफी है। इस बीच इस बंद के विरोध में आल असम मणिपुरी यूथ एसोसिएशन ने उसी हाइवे के असम से सटे हिस्से में नाकाबंदी की अपील की है। संगठन ने कहा है कि मणिपुर सीमा पर नाकाबंदी खत्म नहीं होने तक यह नाकाबंदी जारी रहेगी। यानी अब एक और आफत आने वाली है।
क्या है मामला
सदर्न अंगामी पब्लिक ऑर्गेनाइजेशन ने विवादास्पद केजोल्त्सा वन क्षेत्र में मणिपुर के सशस्त्र सुरक्षा बलों की तैनाती और सरकार की ओर से उस इलाके में किए जाने वाले निर्माण कार्यो के विरोध में पहले 72 घंटे का बंद बुलाया था लेकिन बाद में उसे बढ़ा कर बेमियादी नाकेबंदी कर दिया गया। संगठन की दलील है कि मणिपुर सरकार विवादित स्थल पर पक्के बैरकों का निर्माण कर रही है और उसने मौके पर सशस्त्र सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है। संगठन की मांग है कि वहां निर्माण कार्य फौरन रोक कर सुरक्षा बलों को हटा लिया जाए। दूसरी तरफ मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि निर्माण कार्य मणिपुर की सीमा के सौ मीटर भीतर हो रहा है।दरअसल, केजोल्त्सा नागालैंड और मणिपुर की सीमा पर जुको घाटी के पास एक जंगल वाला इलाका है। मणिपुर के सेनापति जिले के माओ नागा जनजाति और नागालैंड के साउदर्न अंगामी नागा जनजाति के बीच इस घाटी के मालिकाना हक पर लंबे समय से विवाद रहा है।