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माता वैष्णो मंदिर हादसा: आखिर कैसे हुई भगदड़ की शुरुआत, पुलिस और चश्मदीद की बातों में फर्क, घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश
Vaishno Devi Mandir Stampede: डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP dilbagh singh) का कहना है कि किसी बात को लेकर कुछ लोगों में कहासुनी के बाद धक्का-मुक्की हुई
Vaishno Devi Mandir Stampede: नए साल के पहले दिन ही माता वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi mandir mai hadsa) भवन में हुए हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया है। वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi mandir mai bhagdar) परिसर में मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत (12 logoki mout) हो गई जबकि 13 (13 injured) लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। नए साल की शुरुआत में मां वैष्णो देवी का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिर परिसर में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी हुई थी और इसी दौरान यह हादसा हुआ।
कई भक्तों की कुचलकर हो गई मौत
हादसे के संबंध में डीजीपी दिलबाग सिंह (DGP dilbagh singh) का कहना है कि किसी बात को लेकर कुछ लोगों में कहासुनी के बाद धक्का-मुक्की हुई जिसके बाद भगदड़ मची और कई भक्तों की कुचलकर मौत हो गई। दूसरी ओर घटना के चश्मदीद का कहना है कि मंदिर भवन क्षेत्र में लोगों की ज्यादा भीड़ हो गई थी और निकलने का रास्ता न मिलने के कारण यह हादसा हुआ। साल के पहले दिन हुई इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है और सोशल मीडिया पर भी लोग इस हादसे पर दुख जता रहे हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के मुताबिक घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
डीजीपी ने बताया बहस को कारण
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir DGP Dilbagh Singh) के डीजीपी दिलबाग सिंह ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देर रात करीब 2:45 बजे यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि घटना के बारे में मिली प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि मां वैष्णो देवी का दर्शन करने के लिए जुटे कुछ श्रद्धालुओं के बीच बहस हो गई और उसके बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई और इसी कारण भगदड़ मची। उन्होंने कहा कि बहस के बाद लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे और घटनास्थल पर ज्यादा भीड़ होने के कारण इस धक्का-मुक्की ने भगदड़ का रूप ले लिया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी धक्का-मुक्की को ही भगदड़ का कारण बताया है। उन्होंने कहा कि ढलान पर खड़े दो श्रद्धालुओं के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई जिसके बाद उन्होंने एक दूसरे को धक्का दिया और इसी के बाद भगदड़ की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि धक्का-मुक्की के बाद ढलान पर खड़े लोग असंतुलित हो गए और फिर भगदड़ मच गई।
चश्मदीद ने बताई दूसरी कहानी
दूसरी ओर मौके पर मौजूद एक चश्मदीद का कहना है कि दर्शन करने के बाद तमाम लोग माता वैष्णो देवी भवन क्षेत्र में ही रुक गए और इस कारण वहां काफी ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों को वहां से निकलने की कोई जगह ही नहीं मिल पा रही थी। थोड़ी सी जगह में काफी संख्या में लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे और इसी धक्का-मुक्की ने बाद में भगदड़ का रूप ले लिया। गाजियाबाद के रहने वाले चश्मदीद के एक परिचित का भी भगदड़ के बाद अभी तक पता नहीं चल पा रहा है।
कोरोना प्रोटोकॉल में कैसे जुटी भीड़
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि साल की शुरुआत में माता वैष्णो देवी के दरबार में इतनी ज्यादा भीड़ होने के बावजूद सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। कोरोना प्रोटोकॉल के बावजूद इतनी भारी संख्या में लोगों के जुटने पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने साल की शुरुआत में ही मां वैष्णो देवी के दरबार में हुए इस हादसे पर गहरा दुख जताया है।
इस बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए बताया कि घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधान सचिव गृह, जम्मू के एडीजीपी और जम्मू के मंडलायुक्त की तीन सदस्यीय टीम इस हादसे की जांच करेगी।
गाइडलाइन का नहीं किया पालन
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा की घटना की जानकारी मिलने के बाद मैं मौके के लिए रवाना हो चुका हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन जारी होने के बावजूद लोग नहीं माने और मंदिर में भारी भीड़ जुटी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि भीड़ को रोकने के लिए मुकम्मल इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर मौजूद कुछ नौजवानों के बीच बहस के बाद भगदड़ की घटना हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी और संख्या भी निर्धारित की गई थी मगर लोग नहीं माने और इसी कारण यह हादसा हुआ।