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Cyclone Yaas-Tauktae का असर खत्म, प्रदेश में मानसून की दस्तक!

Cyclone Yaas-Tauktae: ताउते के बाद चक्रवाती तूफान यास का असर भी कम होने लगा हैं। बारिश शुरू हो गयी है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shivani
Published on: 29 May 2021 7:06 AM GMT (Updated on: 29 May 2021 7:29 AM GMT)
Cyclone Yaas
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तूफान के दौरान समुद्र में उठतीं ऊंची लहरें (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Mausam Ka Hal: चक्रवाती तूफान ताउते (Cyclone Tauktae) और यास (Cyclone Yaas) के गुजर जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल मॉनसून को लेकर खड़ा हुआ है, कि इस तूफानों से दक्षिण पश्चिम मॉनसून पर कोई फर्क पड़ेगा या नहीं। क्यों अक्सर ये देखने में आता है कि साइक्लोनिक डिस्टर्बेंसेज से मानसून पिछड़ जाता है और उसकी गति धीमी पड़ती जाती है। तो इस बार किसानों को और आम जनता को निराश होने की जरूरत नहीं है। लू नहीं चलने के बावजूद मानसून में देरी होने की जगह वह दो या तीन दिन पहले आ सकता है। अगर मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर गौर करें तो समूचे उत्तर प्रदेश में इस समय जो बादल छाए हुए हैं और कुशीनगर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश की जो चेतावनी दी गई है यह प्रदेश में मानसून की दस्तक के संकेत हो सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय पर अगर ध्यान दें तो अरब सागर से जब तूफान टाउके और बंगाल की खाड़ी से तूफान यास आया। तब तक मानसून फैल चुका था। विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून एक बड़े हिस्से को कवर करता है जबकि इन दोनों तूफानों ने कुछ क्षेत्रों को कवर किया इसलिए मॉनसून पर कोई दूरगामी असर नहीं पड़ा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मॉनसून का असर एक बहुत विस्तारित क्षेत्र में रहता है, जो हर साल की प्रक्रिया है। मानसून किसी छोटे मोटे हिस्से को नहीं बल्कि बहुत बड़े एरिये को कवर करता है। दूसरी ओर चक्रवाती तूफानों की स्थिति की बात करें तो ये कुछ अलग होती है तूफान से बनी स्थितियां एक निश्चित समय तक और एक निश्चित इलाके में ही अपना असर दिखाती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी इलाकों में मई के आखिर में जो मॉनसूनी हलचल शुरू होती है, उससे पहले ही तूफान का असर खत्म हो गया है। ऐसे में इसका कोई बड़ा असर मानसून पर दिखाई नहीं दिया है। ताउते का असर गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दमन-दीव में काफी दिखा, इसने राजस्थान, यूपी, हरियाणा, दिल्ली में भी असर दिखाया लेकिन अब ये तूफान शांत हो गया है। इसी तरह यास का असर मानसून के दबाव के कारण और जल्दी खत्म हुआ है। विशेषज्ञों ने पहले ही आशंका जताई थी कि टाउके और यास के बाद मॉनसून समय से पहले आ सकता है। मॉनसून के आने की संभावना 1 जून से थी लेकिन बदले हालात में 28-29 मई तक इसके आने की संभावना जताई गई थी। जो कि सही प्रतीत होती दिख रही है।
हालांकि मौसम विभाग की ओर से मानसून के आने की अभी पुष्टि नहीं की गई है लेकिन संभावना इस बात की है कि मानसून की दस्तक हो गई है। मौसम का हाल बताने वाली एजेंसी स्काइमेट के मुताबिक भी ताउते का असर पूरी तरह खत्म हो चुका है। अरब सागर में जो इसका इम्पैक्ट था, वो मॉनसून आने से पहले ही जा चुका है। इसी तरह यास का असर भी खत्म होने की बात कही गई है। ऐसे में प्रदेश में हो रही बारिश को देखते हुए मॉनसून की दस्तक से इनकार नहीं किया जा सकता है।
Shivani

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