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J&K: महबूबा मुफ्ती की BJP को चुनौती, बोलीं- 'दम है तो ताजमहल और लाल किले को मंदिर बनाकर दिखाएं'
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने BJP को चुनौती देते हुए कहा कि, दम है तो ताजमहल और लाल किला को मंदिर बनाकर दिखाएं।
PDP Chief Mehbooba Mufti
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को चुनौती देते हुए कहा कि, दम है तो ताजमहल (Taj Mahal) और लाल किला (Red Fort) को मंदिर (Temple) बनाकर दिखाएं। इस दौरान महबूबा मुफ़्ती का अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर दर्द भी छलका।
जम्मू-कश्मीर का प्रमुख राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये बातें कही। उन्होंने कहा, कि वो निराश हैं कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने अनुच्छेद 370 (Article 370) को रद्द किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं (Petitions) पर बीते तीन सालों में कोई सुनवाई नहीं की। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती देश में वर्तमान हालात को लेकर क्षुब्ध दिखीं। उनका मानना है कि बीजेपी शासन के दौरान देश का सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ा है। इसी वजह से उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए ये बातें कही।
जहांगीरपुरी मसले पर भी बोलीं
पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती ने उम्मीद जाहिर की, कि सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के साथ न्याय करेगी और उसका विशेष दर्जा (Special Status) बहाल करेगी। उन्होंने कहा, कि 'हम बहुत निराश हैं कि सर्वोच्च अदालत को तीन साल लग गए। जबकि ये मामला संवेदनशील (Sensitive) है। लोगों का जीवन और सम्मान इस पर निर्भर है।' मुफ़्ती ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) इलाके मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, कोर्ट के फैसले की अवमानना पर कार्रवाई नहीं होने से लोगों के दिल और दिमाग में आशंकाएं बनी हुई हैं।
'फिर मिले विशेष दर्जा'
हालांकि, महबूबा मुफ्ती को ये उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट न्याय जरूर करेगा। वो मानती हैं कि जम्मू-कश्मीर के 'विशेष दर्जे को बहाल करने' को लेकर आगे कार्रवाई होगी। बोलीं, 'मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे (जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति जिसे 5 अगस्त, 2019 को केंद्र द्वारा रद्द कर दिया गया था) को फिर बहाल करेगा।'
परिसीमन पर भी बोलीं मुफ़्ती
इसके अलावा मीडिया से बात करते हुए मुफ़्ती ने परिसीमन प्रक्रिया (delimitation process) पर भी अपनी बात रखीं। इस मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कि यह उस प्रक्रिया का हिस्सा था जो 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर की 'मुस्लिम बहुल' स्थिति को बदलने के लिए शुरू हुई थी। वो बोलीं, 'यह उसी प्रक्रिया का एक और हिस्सा है। उन्होंने जम्मू कश्मीर की जनसांख्यिकी (Demographic) को राजनीतिक रूप से बदलने के लिए एक मंच बनाया। वे जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति को बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक में बदलना चाहते हैं।'