TRENDING TAGS :
अब हो जाएं चौकन्ने: सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले जांच लें, हो सकती है कार्रवाई
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ऐसे लगभग 100 पोस्ट और कुछ सामग्री को हटाने के लिए कहा है, जो COVID19 प्रोटोकॉल के बारे में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और गलत जानकारी देने वाले पोस्ट थे है।
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने रविवार को ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ऐसे लगभग 100 पोस्ट और कुछ सामग्री को हटाने के लिए कहा है, जो कथित तौर पर COVID19 प्रोटोकॉल के बारे में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और गलत जानकारी देने वाले पोस्ट थे है। आईटी मंत्रालय ने कहा, ये पोस्ट असंबंधित, पुरानी छवियों या दृश्यों पर आधारित थे।
मंत्रालय ने कहा कि जब पूरा देश कोविड -19 महामारी के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ रहा है तब कुछ लोग दहशत पैदा करने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। मंत्रालय ने एक वरिष्ठ सूत्र के हवाले से कहा है कि इन पोस्टों की वजह से महामारी के खिलाफ लड़ाई में अवरोध पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा पहुंचाने के प्रयासों को रोकने के लिए मंत्रालय ने इन यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) को हटाने को कहा है।
सूचना मंत्रालय द्वारा भेजा गया ये निर्देश गृह मंत्रालय (MHA) की सिफारिशों पर आधारित था, जिसने इन URL को "सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील" के रूप में चिह्नित किया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भेजे गए अपने नवीनतम निर्देश के संबंध में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सरकार की आलोचना करने, मदद लेने और यहां तक कि कोविड -19 महामारी से निपटने के लिए सुझाव देने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इस गंभीर मानवीय संकट के दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे अपने अनैतिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे उपयोगकर्ताओं पर कार्रवाई आवश्यक है। यह कार्रवाई ट्वीटर की सूचना के आधार पर की गई है।
वैश्विक माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म ने लूमन डेटाबेस को यह जानकारी दी थी, जो एक स्वतंत्र शोध परियोजना है जो ऑनलाइन सामग्री का अध्ययन करती है।
लुमेन डेटाबेस पर ट्विटर द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, कुछ URL जिनकी पहुंच अब भारत में रोक दी गई है, इनमें कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के बारे में जानकारी शामिल है जिनमें सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए थे। दूसरी ओर, कुछ अन्य पोस्ट छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए माओवादी हमले की तस्वीरों और वीडियो पर आधारित थे, जिसमें 22 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी।