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Modi Cabinet: मोदी सरकार ने रबी फसलों की MSP बढ़ाई, सरसों हुआ पांच हजार पार
आज कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने..
New Delhi: किसान के आंदोलित रवैया को देखकर इनके मन औऱ मिजाज को हल्का करने के लिए आज मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कृषि के कई उत्पादों के एमएसपी में 35 रुपये से लेकर 400 रुपये तक की वृद्धि विभिन्न उत्पादों पर किया है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सरसो और मसूर पर किया है, अब इसपर पिछले समर्थन मूल्य से 400 रुपये अधिक मिलेंगे। वहीं कई अन्य उत्पादों पर भी एमएसपी बढ़ाए गए हैं।
आज कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सैफलॉवर का एमएसपी बढ़ा दिया है। सबसे ज्यादा मसूर और सरसों के एमएसपी में बढ़ोतरी हुई है। इसमें 400 रुपये का इजाफा किया गया है। इसके बाद चने के एमएसपी में सबसे अधिक यानी 130 रुपये की बढ़ोतरी हुई, सैफलॉवर का एमएसपी 114 रुपये बढ़ा है, वहीं गेहूं और बार्ले का एमएसपी क्रमश: 40 और 35 रुपये बढ़ा है।
इतना हुआ रबी फसलों का एमएसपी
गेहूं का एमएसपी 1975 रुपये से बढ़कर 2015 रुपये हो गया है, बार्ले का 1600 रुपये से बढ़कर 1635 रुपये, चना की 5100 रुपये से 5230 रुपये, सरसों की 4650 रुपये से 5050 रुपये, सैफलॉवर का 5327 रुपये से 5441 रुपये और मसूर की 5100 रुपये है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आज गेहूं समेत रबी की कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ४० रुपये से लेकर ४०० रुपये तक की वृद्धि की गई है। यह निर्णय प्रमाण है कि MSP की व्यवस्था पर कोई आँच नहीं आने वाली बल्कि उसमें वृद्धि भी जारी रहेगी।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 8, 2021
कृषि और किसान के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री मोदीजी की प्रतिबद्धता पूरी तरह स्पष्ट है। रबी की फसलों का MSP बढ़ाने का आज का निर्णय, किसानों की आमदनी में वृद्धि करेगा। इस कल्याणकारी निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्रीजी को बधाई और हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। #MSPHaiAurRahega
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 8, 2021
जानिए क्या है एमएसपी?
न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सरकार किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज की पूरी मात्रा खरीदने के लिए तैयार रहती है। जब बाजार में कृषि उत्पादों का मूल्य गिर रहा होता है, तब सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीदकर उनके हितों की रक्षा करती है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा फसल बोने से पहले ही कर दी जाती है।