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Lata Mangeshkar: भारत सरकार का बड़ा एलान, लता मंगेशकर के नाम पर जारी होगा डाक टिकट

Lata Mangeshkar Dak ticket: स्वर कोकिला लता मंगेशकर के सम्मान में भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी करने का एलान किया है।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Shreya
Published on: 7 Feb 2022 5:56 PM IST
Lata Mangeshkar: भारत सरकार का बड़ा एलान, लता मंगेशकर के नाम पर जारी होगा डाक टिकट
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लता मंगेशकर (फोटो साभार- इंस्टाग्राम)  

Lata Mangeshkar Dak ticket: देश की महान गायिका दिवंगत लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के सम्मान में भारत सरकार (Central Government) एक डाक टिकट (Postage Stamp) जारी करने जा रही है। केंद्रीय संचार औऱ सूचना प्रौद्योगिकी अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने एक निजी चैनल से बातचीत करने के दौरान बताया कि भारत सरकार स्वर कोकिला के सम्मान में डाक टिकट जारी करेगी। सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को इससे पहले भारत सरकार अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) से नवाज चुकी है।

बता दें कि दुनियाभर में अपनी गायिकी का लोहा मनवाने वाली लता मंगेशकर का रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। डॉक्टरों के अनुसार उनका निधन मल्टीऑर्गन फेल्योर के कारण हुआ। इससे पहले 8 जनवरी को कोरोना संक्रमित (Corona Positive) हो गईं थी, जिसके बाद उन्हें निमोनिया भी हो गया था। हालांकि वो कोरोना को मात देने में सफल रही थीं। और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया था। लेकिन परसों रात अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका।

दुनियाभर में शोक की लहर

सुर सम्राज्ञी के निधन की खबर फैलते ही दुनियाभर में शोक की लहर दौड़ गई। खासकर उनके निधन को संगीत के क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया गया। उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने दो दिनों के राष्ट्रीय शोक (National Mourning) का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत बॉलीवुड, खेल और राजनीति के तमाम बड़ी हस्ती उन्हें श्रद्धांजलि देने मुंबई पहुंचे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने उनके निधन को अपने परिवार की व्यक्तिगत क्षति बताया। 92 साल के अपने जीवन सफर में दिवंगत लता मंगेशकर कई ऐतिहासिक पलों की साक्षी रही हैं। उनकी संगीत ने भारत का नाम दुनिया में रोशन किया। 1962 में भारत – चीन युध्द के बाद उनका द्वारा गाया गया गीत तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आंखों में आंसू ला दिए थे। क्रिकेट की शौकीन रही लताजी 1983 के क्रिकेट विश्वकप की साक्षी रही हैं। उन्होंने लॉर्ड्स में बैठकर पूरे मैच का लुत्फ उठाया।

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