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Black Fungus Medicine: मोदी सरकार ने लिया फैसला, दवा का बढ़ेगा उत्पादन

ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप की वजह से केंद्र सरकार ने बुधवार को मंत्रिमंडल बैठक में इस समस्या पर विचार किया...

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Network
Published on: 12 May 2021 7:29 PM IST (Updated on: 12 May 2021 8:15 PM IST)
Black Fungus Medicine: मोदी सरकार ने लिया फैसला, दवा का बढ़ेगा उत्पादन
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नई दिल्ली। कोरोना (Corona) संक्रमित रोगियों में ब्लैक फंगस (Black Fungus Medicine) के बढ़ते प्रकोप की वजह से देश में अचानक एम्फोटेरिसिन—बी की मांग बढ़ गई है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी का हाल देख चुकी केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने बाजार में दवा की किल्लत पैदा होने से पहले ही उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने यह भी तय किया है कि आवश्यकता बढ़ने पर दवा का आयात भी किया जाएगा।

कोविड-19 से संक्रमित सैकड़ों रोगियों में नई बीमारी ब्लैक फंगस यानी म्यूको​रमिकोसिस का प्रकोप देखा गया है। इससे लोगों की आंख से देखने की क्षमता खत्म हो रही है। केंद्र सरकार ने बुधवार को मंत्रिमंडल बैठक में इस समस्या पर विचार किया। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि इस दवा का उत्पादन बढ़ा दिया जाए। बुधवार को मंत्रिमंडल बैठक के बाद केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि

कुछ राज्यों में अचानक से एम्फोटेरिसिन बी की मांग में वृद्धि देखी गई है। कोविड-19 बीमारी के बाद होने वाली तकलीफ म्यूकोरमिकोसिस से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सकों की ओर से इस दवा को लेने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में दवा की आपूर्ति का संकट भविष्य में उत्पन्न हो सकता है। यही वजह है कि भारत सरकार इस दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निर्माताओं से बातचीत कर रही है।

उन्होंने बताया कि इस दवा का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने के साथ ही दूसरे देशों से आयात के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। जिससे दवा की आपूर्ति गड़बड़ाने न पाए। अभी केंद्र सरकार के औष​धि विभाग ने दवा के निर्माताओं और आयातकों के साथ मीटिंग कर दवा की उपलब्धता की समीक्षा की है। एम्फोटेरिसिन बी की बढ़ती मांग को देखते हुए दवा की आपूर्ति राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में की जा रही है। यह दवा 31 मई, 2021 के बीच सभी अस्पतालों में जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध करायी जाएगी। राज्यों से सरकारी और निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य सेवा एजेंसियों के बीच आपूर्ति के समान वितरण की व्यवस्था लागू करने के लिए कहा गया है।

राज्य सरकारों से यह भी कहा गया है कि इस दवा के वितरण के लिए वे अपने स्तर से नोडल अधिकारी तैनात करें जिससे दवा की आपूर्ति सामान्य तरीके से हो सके। उन्हें पहले से जो दवा आपूर्ति की गई है उसका भी समझदारी और मरीजों की आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल करें। राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को इस दवा की आपूर्ति व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैबिनेट मिनिस्टर ने कहा कि देश महामारी की गंभीर लहर का सामना कर रहा है और इसने देश के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है।सरकार की ओर से दवाओं की आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। राज्य सरकारों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।



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