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कश्मीर के लिए पाकिस्तान का डर, मोदी की सर्वदलीय बैठक से पहले बौखलाया, लिखी UN को चिट्ठी
Modi Sarvdaliya Baithak: पाकिस्तान इस बात को लेकर डरा हुआ है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला करने वाली है। पाकिस्तान इस बात को लेकर इतना भड़का हुआ है कि उसने यूनाइटेड नेशंस से गुहार लगाई है।
Modi Sarvdaliya Baithak : जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर राजधानी में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है। राजधानी में कई दिनों से शीर्ष स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है। इन बैठकों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र के कई अन्य महत्वपूर्ण नेताओं के भी शामिल होने की चर्चा है।
पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर पाकिस्तान के पेट में अभी से ही दर्द शुरू हो गया है। दरअसल पाकिस्तान इस बात को लेकर डरा हुआ है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला करने वाली है। पाकिस्तान इस बात को लेकर इतना भड़का हुआ है कि उसने यूनाइटेड नेशंस से गुहार लगाई है।
पीएम मोदी की बैठक को लेकर अटकलें
मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को रद्द करते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। कांग्रेस सहित जम्मू-कश्मीर के सभी विपक्षी दलों में मोदी सरकार के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई थी। अब मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर बड़ी कवायद शुरू की जा रही है।
पीएम मोदी की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है। सियासी हलकों में इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होगी या सरकार की ओर से किसी और बड़े कदम की जानकारी दी जाएगी। इस बैठक में जम्मू और कश्मीर दोनों ही क्षेत्रों के नेताओं को न्योता दिया गया है।
पाक को जम्मू-कश्मीर में बड़े कदम की आशंका
मोदी सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद पाकिस्तान को इस बात का डर सताने लगा है कि जम्मू-कश्मीर में भारत की ओर से कोई बड़ा कदम उठाया जाने वाला है। यही कारण है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर यूनाइटेड नेशंस से गुहार लगाई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस बाबत चिट्ठी लिखी है। उनका कहना है कि भारत की ओर एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी और एकपक्षीय बदलाव की तैयारी है और सुरक्षा परिषद को भारत को रोकने के लिए आगे आना चाहिए।
कुरैशी का कहना है कि भारत सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदम से जम्मू-कश्मीर की सियासत और डेमोग्राफी में बदलाव आएगा। हालांकि अपनी चिट्ठी में पाक विदेश मंत्री की ओर से इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर की स्थिति में क्या बदलाव किया जाने वाला है।
कश्मीर विवाद खत्म होने पर ही शांति
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति व्यवस्था तभी स्थापित हो सकती है जब जम्मू-कश्मीर विवाद को पूरी तरह खत्म किया जाए। इस विवाद को कश्मीर की जनता की इच्छा और यूएनएससी रिज्योलूशन को ध्यान में रखकर ही खत्म किया जा सकता है। यूएनएससी को लिखी गई कुरैशी की चिट्ठी में भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में उठाए जाने वाले संभावित कदम के खतरे से आगाह किया गया है। कुरैशी ने आग्रह किया है कि भारत सरकार को जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा के खिलाफ कोई भी कदम उठाने से रोका जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर को लेकर बढ़ी सक्रियता
जानकार सूत्रों का कहना है कि कोरोना की दूरी दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर सक्रियता काफी बढ़ा दी है। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रॉ के चीफ और जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने भी हिस्सा लिया था। इस बैठक के बाद सियासी हलकों में इस बात की अटकलें काफी तेज हो गई हैं कि मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा कदम उठाया जाने वाला है।
पाक मीडिया में बड़े बदलाव की खबरें
पाकिस्तानी मीडिया में भी इन दिनों जम्मू-कश्मीर में किसी बड़े बदलाव की खबरें सुर्खियां बन रही हैं। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि मोदी सरकार की ओर से जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है जबकि कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र ही बनाए रखने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने के बाद पाकिस्तान की बेचैनी और बढ़ गई है। माना जा रहा है कि इसी कारण पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है और पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चिट्ठी लिखी गई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने भी हाल में कहा था कि जम्मू कश्मीर में किसी बदलाव का कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में एकपक्षीय अवैध कार्रवाई करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।
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