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संघ प्रमुख ने दिया राहुल गांधी को जवाब, लोगों को बांटने की नहीं जोड़ने की बात करता है हिंदुत्व
Mohan Bhagwat Ka Bayan: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान पर करारा जवाब देते हुए कहा कि हिंदुत्व किसी को जीतने की बात नहीं करता। हिंदुत्व लोगों को बांटने की नहीं बल्कि सभी लोगों को जोड़ने की बात करता है।
Mohan Bhagwat Ka Bayan: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से हाल में हिंदू और हिंदुत्व को लेकर दिए गए बयानों (Hindutva Par Bayan) का संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व किसी को जीतने की बात नहीं करता। हिंदुत्व लोगों को बांटने की नहीं बल्कि सभी लोगों को जोड़ने की बात करता है। उन्होंने कहा कि हजारों सालों से सभी भारतीयों का एक ही डीएनए (DNA) है। उन्होंने इस बात का भी खंडन किया कि मोदी सरकार (Modi Government) का रिमोट कंट्रोल संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh- RSS) के हाथों में है। संघ प्रमुख ने कहा कि लोगों के बीच ये बातें फैलाई जाती हैं जबकि इन बातों में कोई दम नहीं है।
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कांगड़ा जिले (Kangra) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख (Sarsanghchalak) ने ये बातें कहीं। संघ प्रमुख की ओर से हिंदू और हिंदुत्व को लेकर कही गई बातों को संघ का राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जवाब माना जा रहा है। राहुल गांधी ने पिछले दिनों जयपुर (Jaipur) में महंगाई पर आयोजित महारैली और शनिवार को अमेठी में पदयात्रा के दौरान हिंदू और हिंदुत्ववादी को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने खुद को हिंदू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को हिंदुत्ववादी बताते हुए इसकी लंबी व्याख्या भी की थी।
हजारों सालों से सभी भारतीयों का एक ही डीएनए
संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो हमारे जीवन से पूरी तरह चिपक जाते हैं। हिंदुत्व शब्द भी ऐसा ही है जो संघ से पूरी तरह चिपक चुका है। भागवत ने कहा कि हिंदुत्व शब्द का सबसे पहले प्रयोग गुरुनानक देव (Guru Nanak Dev) जी ने किया था। हिंदुत्व को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाया जाता है जबकि सच्चाई यह है कि हिंदुत्व लोगों को बांटने की नहीं बल्कि सभी को जोड़ने की वकालत करता है। हिंदुत्व किसी को दबाकर जीतने की भी बात नहीं करता।
मोहन भागवत ने यह भी कहा कि पिछले 40,000 सालों से सभी भारतीयों का डीएनए एक ही है। उन्होंने कहा कि हमें धर्म का अर्थ भी समझना होगा। धर्म का अर्थ है धारणा यानी समाज को जोड़ना। धर्म का अर्थ हिंदू या मुसलमान नहीं हुआ करता। उन्होंने देश की गुलामी का जिक्र करते हुए कहा कि देश की गुलामी का सबसे बड़ा कारण यह था कि लोगों में एका नहीं था और वे बंटे हुए थे।
दुश्मन के आगे नहीं झुकेगा भारत
संघ प्रमुख ने कहा कि 1925 में स्थापना के बाद से ही संघ का विरोध (RSS Ka Virodh) किया जाता रहा है। इसके बावजूद संघ और संघ से जुड़े कार्यकर्ता देश और समाज की सेवा में जुटे रहे हैं। भागवत ने अपने संबोधन के दौरान चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है मगर हम दुश्मन के आगे झुकने वाले भी नहीं है। हमें दुश्मन के आगे नहीं झुकना है बल्कि उसे दबाकर और आगे बढ़ना है।
भागवत ने कहा कि सैन्य तैयारी के मामले में भारत की अमेरिका और चीन जैसे देशों से तुलना की जा सकती है मगर हिम्मत और हौसले के मामले में दुनिया का कोई देश हमारे सामने नहीं टिक सकता। भारतीय सैनिकों को मरने की चिंता नहीं होती और वे मानसिक रूप से दुनिया में सबसे ज्यादा मजबूत होते हैं।
संघ प्रमुख ने हाल में हेलीकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) का शिकार हुए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनके साथ जान गंवाने वाले अन्य सैन्य अधिकारियों को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। कार्यक्रम में 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की गई।
राहुल गांधी ने दिया था यह बयान (Rahul Gandhi Ka Bayan)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से हाल में दिए गए बयानों के बाद संघ प्रमुख का यह संबोधन सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राहुल गांधी ने शनिवार को अमेठी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर हिंदू और हिंदुत्ववादी शब्द की व्याख्या की थी। उनका कहना था कि हिंदू का मतलब है वह व्यक्ति जो पूरी जिंदगी सच्चाई की राह पर ही चलता है और किसी भी डर के सामने सिर नहीं झुकाता। हिंदू कभी अपने डर को क्रोध या नफरत में नहीं बदलता।
उन्होंने खुद को हिंदू बताते हुए कहा कि हिंदू का सबसे बेहतर उदाहरण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) हैं जबकि उनकी हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) हिंदुत्ववादी था। गोडसे ने सच बोलने वाले हिंदू को गोलियां मारी थीं। अमेठी से पहले राहुल ने जयपुर रैली (Rahul Gandhi Jaipur Rally) के दौरान भी इसी तरह की बातें कही थीं।
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