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Monsoon Session 2021: संसद का हंगामेदार मानसून सत्र आज से, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति

Monsoon Session 2021 : मानसून सत्र के दौरान इस बार कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी हुई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 19 July 2021 9:49 AM IST
Monsoon Session 2021
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Monsoon Session 2021 Photo Social Media

Monsoon Session 2021: संसद (Parliament) के आज से शुरू हो रहे मानसून सत्र में विपक्ष (Opposition) ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार (Union Government) को घेरने की तैयारी कर ली है। सरकार की ओर से रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (Sarvadaliy Baithak) में विपक्ष को साधने की कवायद की गई मगर विपक्ष ने संसद में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाकर सरकार पर हमला करने की रणनीति तैयार की है। माना जा रहा है कि विपक्ष महंगाई, कोरोना काल में अव्यवस्था, पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Diesel Petrol Price Hike) में लगातार बढ़ोतरी, किसान आंदोलन (Kisan Andolan), एलएसी पर चीन की घुसपैठ और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सरकार की घेरेबंदी करेगा।

सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष की ओर से अलग बैठक किए जाने से साफ हो गया है कि विपक्ष मानसून सत्र के दौरान सरकार पर हमले से नहीं चूकेगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष की तैयारियों को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि मानसून सत्र काफी हंगामेदार होगा।

पीएम बोले-सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार

मानसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक बहस करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद संसद का सत्र आयोजित होने वाला है और ऐसे में सरकार चाहती है कि सदन चले और हर मुद्दे पर सार्थक चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की ओर से तय किए गए मुद्दों पर सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।

हालांकि इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अव्यवस्था के संबंध में अगर विपक्ष ने पहले ही मुझे ज्ञान दे दिया होता तो निश्चित रूप से उद्धार हो गया होता।

सर्वदलीय बैठक में उठा किसानों का मुद्दा

सर्वदलीय बैठक के दौरान अकाली दल की हरसिमरत कौर ने किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि किसान काफी दिनों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और उन्होंने मानसून सत्र के दौरान संसद को घेरने की घोषणा की है। ऐसे में सरकार को किसान संगठनों के साथ एक बार फिर बातचीत शुरू करनी चाहिए और उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए। अकाली दल के साथ ही कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार के रवैये की आलोचना की।
दूसरी ओर किसान संगठनों ने मानसून सत्र के दौरान रोजाना संसद पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन 200 किसान संसद पहुंचेंगे और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान किसानों का पुलिस के साथ टकराव भी हो सकता है।

कार्यस्थगन प्रस्ताव लाएगा विपक्ष
सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों की अलग बैठक में किसानों के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया। बैठक में मौजूद कांग्रेस, माकपा, भाकपा, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, आरएसपी और आप के नेताओं ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार टालमटोल का रवैया अख्तियार कर रही है। इसलिए मानसून सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया जाएगा। कूछ दलों के नेताओं ने फोन टैपिंग पर भी कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देने का मन बनाया है।

दूसरी लहर में अव्यवस्था का मुद्दा भी उठेगा

मानसून सत्र के दौरान इस बार कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी हुई है। तृणमूल कांग्रेस के पहले ही भाजपा के साथ काफी तल्ख रिश्ते रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस को टीएमसी के साथ सरकार को घेरने में काफी मदद मिलेगी।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद हो रहे संसद के इस सत्र में कोरोना काल की अव्यवस्था का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठने की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर रहे हैं। इसके साथ ही महंगाई और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठने की संभावना है।

सरकार भी विपक्ष को जवाब देने को तैयार

दूसरी ओर सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। सरकार विधायी कामकाज को निपटाने की कोशिश में जुटी हुई है। जानकारों का कहना है कि विपक्ष के रवैये को देखते हुए सरकार शुरुआत से ही जवाबी आक्रामक रवैये की रणनीति अपना सकती है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी नए मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने का निर्देश दिया था।

उनका कहना था कि विपक्ष नए मंत्रियों की कड़ी परीक्षा लेगा। ऐसे में सभी मंत्रियों को अपने विभागों से जुड़े मामलों की पूरी तैयारी के साथ सदन आना चाहिए। प्रधानमंत्री का कहना था कि कैबिनेट मंत्रियों के साथ राज्य मंत्री जी सभी संभावित सवालों के जवाब की पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं।
मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को राज्यमंत्रियों के साथ सामंजस्य बनाकर एक टीम के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया गया है। भाजपा सांसदों से सदन में बहस के दौरान अधिक से अधिक संख्या में मौजूद रहने को भी कहा गया है ताकि किसी भी मुद्दे पर सत्ता पक्ष विपक्ष के सामने कमजोर न पड़े।

जनसंख्या नियंत्रण बिल पर भी होगी चर्चा (Population Control Bill)

मानसून सत्र के दौरान इस बार जनसंख्या नियंत्रण बिल पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सरकार देश में एक माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण पर एक ड्राफ्ट पेश किया था। अब इस मुद्दे पर संसद में भी चर्चा होगी।
भाजपा सांसद राकेश सिन्हा की ओर से पेश किए गए प्राइवेट मेंबर बिल पर 6 अगस्त को चर्चा निर्धारित की गई है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और जयराम रमेश ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार इस बिल के जरिए एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि इस बिल पर चर्चा के दौरान भी कांग्रेस की ओर से सरकार पर हमला बोला जाएगा।


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Shivani

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