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MSME के दायरे में आएंगे रिटेलर्स और होलसेल कारोबारी, पीएम मोदी बोले- एतिहासिक फैसला

कोरोनावायरस की वजह से कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है जो प्रभावित न हुआ हो।

Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 3 July 2021 2:57 PM IST
Narendra Modi
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कोरोनावायरस की वजह से कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है जो प्रभावित न हुआ हो। ऐसे में केन्द्र सरकार ने रिटेलर्स और होलसेल कारोबारियों को सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (MSME) के दायरे में शामिल करने का फैसला लिया है। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के चलते खुदरा और थोक व्‍यापारियों को भारी नुकसान पहुंचा है। व्यपारियों को इस संकट से उबारने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि हमारी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले से हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और कारोबार को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि सरकार व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गडकरी ने किया था ऐलान

MSME को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसका ऐलान किया था। उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम एमएसएमई को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे हमें इकोनॉमिक ग्रोथ में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा था कि इस बारे में सरकार की संशोधित गाइडलाइंस से ढाई करोड़ रिटेल और होलसेल कारोबारियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते आई दिक़्क़तों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

फैसले पर उद्योग संगठनों ने जताई खुशी

कोरोना संकट के बीच खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दायरे में लाने के केंद्र सरकार के इस फैसले पर उद्योग संगठनों ने खुशी जताते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया है। व्यापारी संगठन ने कहा कि सरकार के इस फैसले से खुदरा और थोक व्यापार को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण मिल सकेगा। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि इससे एमएसएमई को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा। इस क्रम में

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का कहना है कि सरकार के इस फैसले के बाद व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आ गए हैं। अब उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कर्ज उपलब्ध हो सकेगा।



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Raghvendra Prasad Mishra

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