TRENDING TAGS :
Nagaland Firing Case: नागालैंड कांड में 21 सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज, पुलिस ने किया यह दावा
Nagaland Firing Case: नागालैंड फायरिंग कांड में पुलिस ने भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
Nagaland Firing Case: नागालैंड (Nagaland) के मोन जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों (Security Forces) द्वारा की गई फायरिंग की घटना में एक जवान समेत 15 लोगों की मौत होने के मामले में भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। नागालैंड पुलिस (Nagaland Police) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर (FIR) में सेना के विशेष दल पर नागरिकों की हत्या और उन्हें घायल करने के इरादे से फायरिंग करने का आरोप लगा है। फिलहाल इस मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी टीम (SIT Team) गठित की है, जो इस घटना की जांच करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जिस समय यह घटना हुई उस वक्त कोई पुलिस गाइड नहीं था और ना ही सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के खिलाफ अपने ऑपरेशन के लिए गाइड प्रदान करने के लिए मांग की थी। इसलिए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना ही था।
जानें क्या है पूरा मामला (Kya Hai Nagaland Firing Mamla)?
गौरतलब है कि नगालैंड मोन जिले में फायरिंग की तीन घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कम से कम 11 अन्य लोग घायल हुए थे। इस संबंध में पुलिस ने बताया है कि गोलीबारी की पहली घटना गलत पहचना के चलते हुई थी। दरअसल, सुरक्षाबलों को उग्रवादी संगठन NSCN (KYA) के लोगों की मौजूदगी का इनपुट मिला था। जिसके बाद अभियान चलाया गया। इस दौरान सैन्यकर्मियों ने पिकअप वैन में सवार होकर घर लौट रहे मजदूरों पर फायरिंग कर दी, जिसमें 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बाद हुए दंगे में एक जवान की भी मौत हो गई जबकि कई जवान घायल हुए हैं।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश
सूत्रों के मुताबिक, इस घटना की जानकारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को भी दे दी गई है। वहीं, सेना ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की गहन जांच करेगी ताकि शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।