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राणे प्रकरण से महाराष्ट्र की सियासत गरमाई, भाजपा शिवसेना आमने-सामने, और बढ़ेगा टकराव

महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी से सियासत काफी गरमा गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 25 Aug 2021 1:41 PM IST
Narayan Rane
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नारायण राणे और सीएम उद्धव ठाकरे की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी से सियासत काफी गरमा गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के बाद राणे के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई थी और बाद में उन्हें इसी सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि देर रात रायगढ़ की महाड़ अदालत ने राणे को जमानत दे दी। मगर इस घटनाक्रम के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव काफी बढ़ गया है।

मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर शिवसेना समर्थकों से मोर्चा लिया। अब शिवसेना की ओर से राणे को छेद वाला गुब्बारा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राणे के बयान का संज्ञान लेने की मांग की गई है। पार्टी ने राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।

दूसरी ओर भाजपा की ओर से भी राणे की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। पार्टी की ओर से इसे संवैधानिक मूल्यों का हनन बताते हुए आगे भी शिवसेना के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का एलान किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि शिवसेना जन आशीर्वाद यात्रा को मिल रहे अपार समर्थन से घबरा गई है। इसी कारण यात्रा में अड़चनें पैदा की जा रही हैं। भाजपा ने उद्धव सरकार की ओर से उठाए गए कदम को लोकतंत्र की हत्या बताया है।

इस तरह शुरू हुआ विवाद

दरअसल यह पूरा विवाद केंद्रीय मंत्री राणे की एक टिप्पणी के बाद शुरू हुआ। हाल में मोदी सरकार में किए गए फेरबदल में शामिल किए गए नए मंत्रियों की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली गई हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे ने आपत्तिजनक बयान दे दिया। उनका कहना था कि यह काफी शर्मनाक है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को आजादी के साल के बारे में भी जानकारी नहीं है।

भाषण के दौरान आजादी के वर्ष के बारे में जानकारी करने के लिए उन्हें अपने सहयोगियों की मदद लेनी पड़ी। कम से कम एक मुख्यमंत्री को तो आजादी के वर्षों के बारे में पूरी जानकारी जरूर होनी चाहिए। अगर मैं वहां होता तो मैं उन्हें जोरदार तमाचा जड़ देता।

शिवसेना ने बताया छेद वाला गुब्बारा

राणे की ओर से दिए गए इस बयान पर शिवसेना ने तीखी आपत्ति जताई है। राणे को जमानत मिलने के बाद शिवसेना ने कहा है कि राणे ने केंद्र सरकार का सिर शर्म से झुका दिया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह को राणे के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए। संपादकीय में राणे को छेद वाला गुब्बारा बताते हुए कहा गया है कि इस गुब्बारे में चाहे जितनी भी हवा भरी जाए मगर यह ऊपर नहीं जाने वाला है।

शिवसेना का कहना है कि केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद राणे किसी गैंगस्टर की तरह व्यवहार कर रहे हैं। राणे ने शिवसेना में रहते हुए ही सत्ता की सीढ़ियां ऊपर चढ़नी शुरू की थी मगर अब वे शिवसेना पर छिछले आरोप लगा रहे हैं।

राणे को बर्खास्त करने की मांग

इस बीच शिवसेना विधायक विनायक राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान के लिए राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री को इस तरह की घटिया बातें करना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राणे को मंत्रिमंडल से अविलंब हटाने की मांग की है। मुझे प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार है।

विधायक विनय राउत की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

भाजपा बोली-महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या

दूसरी ओर भाजपा की ओर से इस पूरे प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि जन आशीर्वाद यात्रा को मिल रहे अपार समर्थन से शिवसेना बौखला गई है और इसी कारण इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी इस तरह के कदमों से घबराना डरने वाली नहीं है जन आशीर्वाद यात्रा आगे भी जारी रहेगी।

पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह गंभीर मामला है क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में 27 ऐसे मंत्री हैं जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य मामले दर्ज हैं मगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दूसरी ओर एक बयान देने पर केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने का बड़ा कदम उठा लिया गया। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अनिल परब का नाम लेते हुए पात्रा ने सवाल किया कि इन दोनों नेताओं को अभी तक क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया।

महाराष्ट्र सरकार का दोहरा मापदंड

इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि हम उद्धव ठाकरे के संबंध में राणे की ओर से दिए गए बयान का समर्थन नहीं करते। लेकिन एक व्यक्ति के तौर पर हम और हमारी पूरी पार्टी नारायण राणे के साथ खड़ी है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फोटो:सोशल मीडिया)

उन्होंने कहा कि जब शर्जील उस्मानी की ओर से भारत माता को गाली दी गई थी। तब महाराष्ट्र सरकार की ओर से उस्मानी के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई। लेकिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में काफी हड़बड़ी दिखाई गई। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने राणे को गिरफ्तार करने में भी काफी तेजी से कदम उठाया। इससे साफ है कि महाराष्ट्र सरकार दोहरे मापदंड से कार्रवाई कर रही है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को भाजपा की ओर से विरोध जताया जाएगा।

महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम भाजपा

नारायण राणे प्रकरण के बाद महाराष्ट्र की सियासत में पूरी लड़ाई शिवसेना बनाम भाजपा में तब्दील होती दिख रही है। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान अपनी हर रैली के दौरान राणे शिवसेना पर तंज कसने में जुटे हुए थे और इसी कड़ी में उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। दूसरी और शिवसेना ने भी भाजपा के खिलाफ पूरी तरह मोर्चा खोल दिया है।

आने वाले दिनों में भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव और बढ़ना तय माना जा रहा है। शिवसेना भी भाजपा को मुंह चिढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ फोटो खिंचाई जिन्होंने नारायण राणे के घर पर हंगामा किया था। दोनों पार्टियों की ओर से लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप से राज्य की सियासत गरमा गई है और आने वाले दिनों में इसका असर दिखना तय माना जा रहा है।



Divyanshu Rao

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