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Narayan Rane : जानिए शिवसेना से शुरुआत करके कैबिनेट मंत्री बनने का सफर

Narayan Rane : 69 वर्षीय भाजपा नेता नारायण राणे का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई (तब बॉम्बे) में हुआ। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत शिवसेना से की थी।

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Report NetworkPublished By Sushil Shukla
Published on: 8 July 2021 1:05 PM IST
शिवसेना से शुरुवात करके कैबिनेट मंत्री बनने का सफर
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नारायण राणे (फोटोः सोशल मीडिया)

नारायण राणे का पूरा नाम नारायण तात्या राणे है । नारायण राणे (Narayan rane) ने बुधवार को सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। नारायण राणे का सियासी करियर शिवसेना से शुरू हुआ था। नारायण राणे का जन्म 10 अप्रैल, 1952 को महाराष्ट्र में हुआ था। कहा जाता है कि 60 के दशक में नारायण राणे मुंबई के चेम्बूर इलाके में सक्रिय 'हरया-नरया' गैंग से जुड़े थे। उनके खिलाफ उस दौरान हत्या का एक मामला भी दर्ज हुआ था। उस दौरान 'हरया-नरया जिंदाबाद' नाम से एक फिल्म भी बनी थी। नारायण राणे के खिलाफ मुंबई की घटला पुलिस थाने में एक एफआईआर भी दर्ज हुई है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक नारायण राणे जब 14 साल के थे जब उनकी गिरोह से जुड़े एक अन्य सक्रिय सदस्य माधव ठाकुर ने बुरी तरह से पिटाई की थी। कुछ बड़ा होने पर राणे ने शिवसेना ज्वाइन की और शाखा प्रमुख बन गए। उसके बाद राणे शिवसेना से पार्षद बने।

नारायण राणे का राजनीतिक सफर

69 वर्षीय भाजपा नेता नारायण राणे का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई (तब बॉम्बे) में हुआ। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत शिवसेना से की थी।

1985 से 1990: शिवसेना के पार्षद बने इसके बाद बेस्ट के अध्यक्ष बने।

1990-95: पहली बार विधायक बने। इसी बीच विधान परिषद के सदस्य भी बने।

1996-99: शिवसेना बीजेपी की सत्ता में राजस्व मंत्री बने। इसके बाद मुख्यमंत्री भी बने।

2005: उद्धव ठाकरे से मतभेद के बाद 3 जुलाई 2005 को शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस में भी राजस्व मंत्री बने।

2007: कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को टक्कर दी।

2009: महाराष्ट्र के उद्योगमंत्री बने।

2014: लोकसभा चुनाव में बेटे नीलेश की हार के बाद अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया।

2017: कांग्रेस को अलविदा कहकर खुद की राजनीतिक पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष (Maharashtra Swabhiman Paksha) का गठन किया। अक्टूबर, 2019 में पार्टी को भंग कर दी और भाजपा में शामिल हो गए।

इस कारण शिवसेना से हुए अलग

शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के साथ नारायण राणे (फाइल फोटो)

नारायण राणे और शिवसेना के बीच अलगाव परिवारवाद की वजह से आया। बात 18 साल पहले की है जब नारायण राणे मुख्यमंत्री थे। करीब नौ महीने तक सीएम पद पर काबिज रहने के बाद राणे और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव के बीच खींचतान होने लगी। राणे को शिवसेना का रिमोट कंट्रोल से चलने वाला सीएम कहा जाता था। क्योंकि असली बागड़ोर उस वक्त उद्धव संभालने लगे थे। इसके बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन चुनाव हार गया और राणे विपक्ष के नेता बन गए। फिर 2005 में राणे को पार्टी से बाल ठाकरे ने यह कहते हुए निकाल दिया कि, 'नेता हटाने और चुनने का अधिकार शिवसेना में मुझे ही है।' उस वक्त यह कहा गया कि पुत्र मोह में बाल ठाकरे ने नारायण राणे को पार्टी से अलग किया था। शिवसेना से निकाले जाने के बाद राणे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और मंत्री भी बने।

कांग्रेस पार्टी के समय कार्यक्रम में मौजूद नारायण राणे (फाइल फोटो)

Narayan Rane की Faimily

पत्नी नीलम एन राणे के साथ नारायण राणे (फाइल फोटो)

नारायण राणे की पत्नी का नाम नीलम एन राणे है। इनके दो पुत्र है जिनका नाम नीलेश राणे और नीतेश राणे है।



Sushil Shukla

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