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Nasal Spray: कोरोना से जंग में गेमचेंजर साबित होगा नेजल स्प्रे, भारत में जल्द लॉन्च की तैयारी

Nasal Spray: भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को देखते हुए यह नेजल स्प्रे गेमचेंजर साबित हो सकता है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Dharmendra Singh
Published on: 30 May 2021 3:45 PM GMT
Nasal Corona Vaccine
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ट्रायल के दौरान नाक में वैक्सीन डालती स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Nasal Spray: कोरोना के संकट काल में कनाडा की कंपनी सेनोटाइज का नेजल स्प्रे पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। कंपनी का दावा है कि अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल और न्यूजीलैंड में इसका क्लीनिकल ट्रायल किया जा चुका है और इस ट्रायल में यह 99 फ़ीसदी कारगर साबित हुआ है। भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को देखते हुए यह नेजल स्प्रे गेमचेंजर साबित हो सकता है।

सेनोटाइज कंपनी की फाउंडर गिली रेगेवे भारत में इस स्प्रे की लॉन्चिंग के लिए जोर-शोर से पार्टनर की तलाश में जुटी हुई हैं। उनके मुताबिक इस बाबत देश की कई फार्मा कंपनियों से बातचीत एडवांस स्टेज में चल रही है। पार्टनर की तलाश पूरा होते ही भारत में इसके अप्रूवल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने जल्द ही इसे भारतीय बाजार में उतारने की उम्मीद जताई है।
99 फ़ीसदी असरकारक होने का दावा
कंपनी की फाउंडर रेगेवे ने एक अखबार से बातचीत में कहा कि इस नेजल स्प्रे के 99 फ़ीसदी असरकारक होने का दावा हवा हवाई नहीं है। लैब में टेस्टिंग के बाद अमेरिका की उटा यूनिवर्सिटी में भी स्प्रे के मैन्युफैक्चरिंग फार्मूले का परीक्षण किया गया है। यूनिवर्सिटी के एंटी वायरल इंस्टिट्यूट ने लैब टेस्टिंग के बाद इस स्प्रे को 99.9 फ़ीसदी कारगर बताया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मशहूर जर्नल ऑफ इनफेक्शंस में इस स्प्रे के 99 फीसदी कारगर होने का रिजल्ट पहले ही छप चुका है। जिन लोगों पर स्प्रे का ट्रायल किया गया उनके शरीर में एक ही दिन में वायरस की संख्या में 95 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई। अगले 72 घंटों में वायरस की कमी का प्रतिशत बढ़कर 99 पर पहुंच गया।

वैक्सीन की जांच करती महिला स्वास्थ्यकर्मी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

स्प्रे से सामंजस्य बैठाने में दिक्कत नहीं

रेगेवे ने बताया कि यह नेजल स्प्रे नाइट्रिक ऑक्साइड से बनाया गया है और यह केमिकल कंपोनेंट हमारे शरीर के हर हिस्से में पहले से ही मौजूद होता है। यही कारण है कि मानव शरीर को इस स्प्रे के साथ सामंजस्य बैठाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती। नाइट्रिक ऑक्साइड वह केमिकल है जो बैक्टीरिया और वायरस की ग्रोथ को रोकता है। कंपनी का दावा है कि यह स्प्रे हवा में ही कोरोना वायरस के खात्मे की शुरुआत कर देता है। इसके साथ ही नाक के रास्ते में फेफड़े तक को साफ करता है।

कंपनी को भारत में पार्टनर की तलाश

कंपनी की फाउंडर रेगेवे ने कहा कि हम जोरशोर से भारत में मजबूत पार्टनर की तलाश में जुटे हुए हैं। फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियों के साथ हमारी बातचीत काफी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी है। रेगेवे ने इन कंपनियों के नाम का खुलासा तो नहीं किया मगर उम्मीद जताई कि जल्द ही कंपनी को भारत में पार्टनर मिल जाएगा।
उनका कहना है कि पार्टनर की तलाश पूरी होते ही भारत में इसे मंजूरी दिलाने के लिए संबंधित बॉडी के पास अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम बहुत तेजी से इस काम में जुटे हुए हैं और जल्दी ही भारत में सेनोटाइज नेजल स्प्रे की लॉन्चिंग की जाएगी। भारत में इसकी आपूर्ति का सारा दारोमदार कंपनी के भारतीय पार्टनर पर निर्भर होगा।

नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट

रेगेवे का कहना है कि इस नेजल स्प्रे का उपयोग संक्रमण से पहले, संक्रमण के दौरान और संक्रमण के बाद भी किया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके उपयोग का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग कोरोना की संक्रमण से बचना चाहते हैं, वे इस स्प्रे का उपयोग दिन में एक या दो बार कर सकते हैं और जिनका इलाज चल रहा है वे 4 से 5 बार इस स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। जहां तक गंभीर मरीजों का प्रश्न है तो उनके संबंध में डॉक्टर ही तय कर सकता है कि उन्हें इसका उपयोग करना चाहिए या नहीं।

नजल कोरोना वैक्सीन (काॅन्सेप्ट फोटो: सोशल मीडिया)

स्प्रे की कीमत का खुलासा नहीं

सेनोटाइज कंपनी की फाउंडर ने अभी इस स्प्रे की कीमत का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम हर जरूरतमंद को ध्यान में रखते हुए इसे बना रहे हैं और पार्टनर कंपनी के साथ डील होने के बाद इसकी कीमत तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम यह जरूर कह सकते हैं कि इसकी कीमत इतनी होगी जिसे हर कोई आसानी से खरीद सकेगा।
उन्होंने कहा कि हमारी मंशा इस स्प्रे को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की है। लिहाजा इसकी कीमत बहुत ज्यादा नहीं होगी। इसकी कीमत तय करने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि लोगों को इसे खरीदने में ज्यादा आर्थिक भार न पड़े।
वैक्सीनेशन के बाद भी इस्तेमाल संभव
उन्होंने कहा कि जो लोग कोरोना का टीका लगवा चुके हैं, वे भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। वैक्सीनेशन के पहले और बाद में दोनों ही स्थितियों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नेजल स्प्रे काफी प्रभावी है, लेकिन इसके साथ ही साथ लोगों को वैक्सीनेशन भी जरूर करवाना चाहिए। ब्रिटेन में इस स्प्रे के ट्रायल के प्रमुख जांचकर्ता डॉक्टर स्टीफन विंचेस्टर का कहना है कि कोरोना वायरस से लड़ने में यह स्प्रे आंदोलनकारी साबित होगा।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में नाक से दी जाने वाली दवाओं पर शोध किया जा रहा है और इनके ट्रायल्स भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्प्रे का ट्रायल सफल रहा है और इसके जरिए हमें कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी।


Dharmendra Singh

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