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NATGRID : पीएम जल्द कर सकते हैं शुरुआत, आतंकवाद के खिलाफ होगा अहम हथियार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड को जल्द ही शुरू किया जा सकता है। इसका लक्ष्य भारत की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करना है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 13 Sept 2021 7:05 AM IST
PM Narendra Modi launch soon national intelligence grid
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Social Media) 

NATGRID : राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नेटग्रिड) की जल्द ही शुरुआत की जा सकती है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नेटग्रिड(NATGRID) की जल्द ही शुरू किए जाने की उम्मीद है। लगभग 10 साल पहले 3400 करोड़ रुपये की इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस का अंतिम 'तादात्म्य और परीक्षण' किया जा रहा है, ताकि इसे शुरू किया जा सके। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को किए गए आतंकवादी हमले के बाद इसका विचार आया था।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में संकेत दिया था कि नेटग्रिड को जल्द ही शुरू किया जा सकता है। इसकी अवधारणा यह है कि आंतकवादियों को लेकर सूचनाओं का निर्बाध और सुरक्षित डेटाबेस हो। इसका लक्ष्य 'भारत की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी' प्रदान करना है। शाह ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के 4 सितंबर को 51वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा था, 'अगर कोरोना (कोविड-19) नहीं आया होता तो प्रधानमंत्री नेटग्रिड को देश को समर्पित कर चुके होते।

मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जल्दी ही नेटग्रिड को देश को समर्पित करेंगे।'नेटग्रिड की अवधारणा एक ऐसे तंत्र के रूप में की गई है जो डेटा की मदद से संदिग्धों का पता लगाए और आतंकवादी हमलों को रोके और उसकी आव्रजन, बैंकिंग, व्यक्तिगत आयकर, हवाई व ट्रेन यात्रा जैसी गुप्त सूचना तक पहुंच हो। मुंबई में 2008 में हुए 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादियों ने शहर की घेराबंदी की, जिसने इस खामी को उजागर किया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अहम सूचनाओं को देखने के लिए कोई तंत्र ही नहीं है।

नेटग्रिड से 950 संगठनों को जाएगा जोड़ा

प्रथम चरण की योजना के तहत 10 उपयोगकर्ता एजेंसियों और 21 सेवा प्रदाताओं को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा जबकि बाद के चरणों में करीब 950 संगठनों को इससे जोड़ा जाएगा. बाद के वर्षों में एक हजार से ज्यादा संगठनों को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा.इन डेटा स्रोतों में आव्रजन प्रवेश व निकास संबंधी जानकारी, बैंक संबंधी व आर्थिक लेन-देन तथा फोन का रिकॉर्ड शामिल होगा. देश की प्रतिष्ठित संघीय एजेंसियों की नेटग्रिड डेटाबेस तक पहुंच होगी। इनमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर (आयकर विभाग के लिए), कैबिनेट सचिवालय, खुफिया ब्यूरो, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो, वित्तीय खुफिया इकाई और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण शामिल हैं। अमेरिका के संदिग्ध आतंकवादी डेविड हेडली की वर्ष 2006 से 2009 के बीच भारत की कई यात्राओं के दौरान देश में उसकी आवाजाही का पता लगाने में खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों को त्वरित सूचना की कमी को एक प्रमुख कारण माना जाता है।

नेटग्रिड परियोजना को 2010 में मिली थी मंजूरी

हेडली ने मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा को लक्ष्यों की अहम सूचनाएं और वीडियो मुहैया कराए थे, जिसमें विदेशियों समेत 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Security-CCS) ने 3,400 करोड़ रुपये की नेटग्रिड परियोजना को 2010 में मंजूरी दे दी थी, लेकिन 2012 के बाद इसका काम धीमा हो गया। वर्ष 2014 में सत्ता में आए मोदी ने नेटग्रिड को पुनर्जीवित करने के लिए निर्देश दिए।



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Deepak Kumar

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