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Delhi News: केजरीवाल के घर पर सिद्धू ने छेड़ा मैदान-ए-जंग, बैठे हुए हैं धरने पर
Navjot Singh Sidhu ka Dharna: नवजोत सिंह सिद्धू रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर दिल्ली सरकार के स्कूलों के गेस्ट टीचर्स को नियमित किये जाने की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए।
Navjot Singh Sidhu ka Dharna: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) और दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच छिड़े स्कूल मॉडल (School Model) को लेकर छिड़ी जंग ने आज उस समय नया मोड़ ले लिया जब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के आवास के बाहर दिल्ली सरकार के स्कूलों के गेस्ट टीचर्स को नियमित किये जाने की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए।
सिद्धू ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार राष्ट्रीय राजधानी में "आठ लाख नई नौकरियां और 20 नए कॉलेज" बनाने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोहाली का दौरा (Arvind Kejriwal Punjab Visit) किया था और धरना पर बैठे शिक्षकों से मुलाकात की थी और मोहाली में सरकारी स्कूलों (Sarkari School) की खराब गुणवत्ता के आरोप भी लगाए थे। उन्होंने पंजाब सरकार पर स्थायी नौकरी के लिए शिक्षकों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था।
आप पर सिद्धू का निशाना
अब रविवार को, सिद्धू ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप ने संविदा शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था और शिक्षकों को समान वेतन देने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ गेस्ट टीचर्स के भरोसे स्कूली शिक्षा रहने से स्थिति और खराब हो गई। सिद्धू ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से सरकारी फंड से सालाना कई लाख कमा रहे हैं जिसका उपयोग पहले स्कूल के विकास के लिए होता था।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष (Punjab Congress President) ने आक्रामक होते हुए सवाल खड़े किये कि 2015 के घोषणापत्र में पार्टी ने जिन नौकरियों और कॉलेजों का वादा किया था, वे कहां हैं। उन्होंने कहा आप ने दिल्ली में केवल 440 नौकरियां दी हैं। आपकी असफल गारंटियों के विपरीत, पिछले पांच वर्षों में दिल्ली की बेरोजगारी दर लगभग पांच गुना बढ़ गई है। इसके अलावा दिल्ली में शिक्षकों के लिए रिक्त पदों की संख्या 2015 के 12,515 के मुकाबले 2021 में बढ़कर 19,907 हो गई है। इन्हें आप सरकार गेस्ट टीचरों के माध्यम से भर रही थी।
सिद्धू ने किया जंग का एलान
सिद्धू सोशल मीडिया पर जंग का एलान कर ते हुए कहा कि दिल्ली एजुकेशन मॉडल कॉन्ट्रैक्ट मॉडल है… दिल्ली सरकार में 1,031 स्कूल हैं, जबकि केवल 196 स्कूलों में प्रिंसिपल हैं। 45 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली हैं और 22,000 गेस्ट टीचरों द्वारा हर 15 दिनों में अनुबंध के नवीनीकरण के साथ दैनिक वेतन के आधार पर स्कूल चलाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Vidhan Sabha Chunav) के साथ, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia), जिनके पास दिल्ली में शिक्षा विभाग है, का पिछले महीने पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह के साथ अपने-अपने राज्यों में शिक्षा की स्थिति को लेकर वाकयुद्ध हुआ था। दोनों मंत्री दावा करते रहे हैं कि उनके राज्य में सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
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