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Navjot Singh Sidhu: सिद्धू को पसंद नहीं थे राना गुरजीत, इस्तीफे का एक ये भी कारण
नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद कयासबाजी शुरू
Navjot Singh Sidhu : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इस्तीफे के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें मजहबी सिख समुदाय को कैबिनेट में उचित प्रतिनिधित्व न मिलने से लेकर राना गुरजीत (Rana Gurjit) को कैबिनेट में जगह देना शामिल हैं।
सिद्धू जैसा चाहते थे, वैसा नहीं हुआ। वे सीएम नहीं बन पाए तथा उनको जिन लोगों पर ऐतराज था, उनको मंत्री बना दिया गया। लेकिन सिद्धू इतनी जल्दी नाराज हो जाएंगे, ऐसा नहीं सोचा गया था। संभवतः सिद्धू चुनाव को देखते अपनी हैसियत तथा सौदेबाजी का लेवल और ऊंचा करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है।
पंजाब कांग्रेस में मजबूत स्थिति वाले राना गुरजीत (Rana Gurjit) पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। सिद्धू खेमे का मानना है कि भ्रष्टाचार के आरोपी को कैबिनेट में जगह देना कतई मंजूर नहीं होगा।
पंजाब में नए मंत्रियों के शपथग्रहण से कुछ ही घंटे पहले कुछ विधायकों ने नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिख कर कहा था कि राना गुरजीत सिंह को मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। क्योंकि उन पर बालू खनन घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद गुरजीत सिंह को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट से हटा दिया था।
उत्तराखंड में जन्मे गुरजीत सिंह इस वक्त कपूरथला विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले वो 2004 से 2009 तक जालंधर के सांसद रह चुके हैं। गुरजीत सिंह इस वक्त पंजाब विधानसभा में सबसे अमीर विधायक हैं। 2017 में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार आने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था। उत्तराखंड से राना गुरजीत (Rana Gurjit) 1986 में पंजाब आये थे। आज उनके परिवार के पास पंजाब के रूपनगर में पेपर मिल, अमृतसर में चीनी मिल, पंजाब और हरियाणा में दो डिस्टलरी तथा उत्तर प्रदेश में भी चार चीनी मिले हैं।
गुरजीत को कांग्रेस का फायरब्रांड नेता माना जाता है। उन्होंने 2012-17 के दौरान शिरोमणि अकाली सरकार में तत्कालीन राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर जमकर निशाना साधा था।अब सिद्धू या तो कांग्रेस आलाकमान यानी राहुल गांधी पर दबाव डालकर चन्नी सरकार में कुछ बदलाव करा ले जाएंगे या फिर उनको कांग्रेस में अब कोई भाव नहीं दिया जाएगा। सिद्धू के बारे में अब राहुल क्या रणनीति अपनाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।