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The Kashmir Files पर भड़के शरद पवार, फिल्म के प्रचार को लेकर केंद्र सरकार को घेरा

The Kashmir Files: एनसीपी मुखिया शरद पवार ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Ragini Sinha
Published on: 11 April 2022 5:33 AM GMT
sharad pawar condemns police action spoke on sedition case filed against party workers
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एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Social media)

The Kashmir Files: एनसीपी मुखिया शरद पवार ने बहुचर्चित फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कश्मीरी पंडितों के दर्द को उजागर करने वाली यह फिल्म पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है और कमाई के मामले में इस फिल्म ने इतिहास रच दिया है मगर पवार इस फिल्म को लेकर काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा मगर मुसलमानों को भी इसी तरह निशाना बनाया गया। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया।

पवार ने कुछ दिनों पूर्व भी इस फिल्म की तीखी आलोचना की थी और इस फिल्म को स्क्रीनिंग की अनुमति दिए जाने पर तीखी आपत्ति जताई थी। अब उन्होंने एक बार फिर इस फिल्म के जरिए केंद्र सरकार को घेरा है।

फिल्म के प्रचार को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

महाराष्ट्र के अमरावती में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवार ने द कश्मीरी फाइल्स के संबंध में अपनी पीड़ा जताई। उन्होंने कहा कि घाटी में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार को लेकर यह फिल्म बनाई गई है। इसके जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यकों पर हमला करते हैं और जब बहुसंख्यक मुस्लिम होता है तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है। फिल्म में दिखाई गई बातों पर आपत्ति जताते हुए एनसीपी नेता ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे हुए लोगों की ओर से इस फिल्म का प्रचार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

धार्मिक आधार पर बांटने की साजिश

उन्होंने द कश्मीर फाइल्स पर निशाना साधते हुए कहा कि इस फिल्म के जरिए धार्मिक आधार पर समाज में दरार पैदा करने की साजिश रची गई है। इस फिल्म के जरिए हिंदुओं की प्रताड़ना को उजागर करने की कोशिश की गई है। जो दिखाने की कोशिश की गई है कि किसी छोटे समुदाय के समस्या में फंसने पर बहुसंख्यक समाज की ओर से उस पर कैसे हमला किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म को स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। उल्टे इस फिल्म को टैक्स में भी छूट दे दी गई और देश में जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोग दूसरे लोगों को इस फिल्म को देखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

भाजपा को लेनी होगी जिम्मेदारी

एनसीपी के मुखिया ने देश की संप्रदायिक स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ हुआ उस मामले से भाजपा अपना पीछा नहीं छुड़ा सकती। भाजपा को भी इस मामले में जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है और यह चिंता का सबसे बड़ा मुद्दा है। ऐसे में समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा में विश्वास करने वाले लोगों को आगे आना होगा। पवार ने कहा कि हमारी पार्टी देश के लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने के खिलाफ है और हम इसके खिलाफ संघर्ष करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

मुस्लिमों को भी बनाया गया निशाना

उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कश्मीरी पंडित घाटी से पलायन के लिए मजबूर हुए मगर हमें यह बात भी ध्यान रखनी होगी कि मुसलमानों को भी इसी तरह निशाना बनाया गया। पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठनों ने कश्मीरी पंडितों और मुस्लिमों पर घाटी में हमले किए। यदि पीएम मोदी को वास्तविकता में कश्मीरी पंडितों की इतनी चिंता है तो उन्हें कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। पवार ने पिछले हफ्ते भी इस फिल्म पर तीखी आपत्ति जताई थी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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