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कांग्रेस को छोड़कर तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे पवार, विपक्षी नेताओं की आज बुलाई बैठक
विपक्षी दलों की ओर से रणनीति बनाने की अगुवाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार कर रहे हैं। पवार ने मंगलवार को अपने आवास पर राष्ट्र मंच के बैनर तले विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।
नई दिल्ली: देश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने अभी से ही सियासी गोट बिछानी शुरू कर दी है। विपक्षी दलों की ओर से रणनीति बनाने की अगुवाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार कर रहे हैं। पवार ने मंगलवार को अपने आवास पर राष्ट्र मंच के बैनर तले विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। जानकारों के मुताबिक इस बैठक में 15 विपक्षी दलों के नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद पवार ने यह बैठक बुलाई है। 15 दिनों के भीतर पवार की यह प्रशांत किशोर से दूसरी मुलाकात थी। पवार की बैठक को कांग्रेस को छोड़कर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद माना जा रहा है। माना जा रहा है कि विपक्ष की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 2024 के चुनाव में मोदी के खिलाफ चेहरा बनाने की तैयारी है।
राष्ट्र मंच के बैनर तले होगी बैठक
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 2018 में राष्ट्र मंच का गठन किया था। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सिन्हा ने टीएमसी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और फिर ममता ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है।
राष्ट्र मंच के बैनर तले पवार के आवास पर होने वाली इस बैठक में कई प्रमुख सियासी नेताओं के हिस्सा लेने की बात कही जा रही है। राष्ट्र मंच की बैठक में पहले भी विपक्षी दलों के नेताओं के अलावा कई गैर सियासी लोग भी हिस्सा लेते रहे हैं। मंगलवार को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को 2024 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक में हिस्सा लेंगे महत्वपूर्ण नेता
एनसीपी के नेता नवाब मलिक का कहना है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में मोदी सरकार के खिलाफ साझा रणनीति पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारुख अब्दुल्ला, कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा, आप नेता संजय सिंह, यशवंत सिन्हा, केटीएस तुलसी, जावेद अख्तर, करण थापर, संजय झा, सुधींद्र कुलकर्णी और प्रीतीश नंदी आदि के हिस्सा लेने की संभावना है।
इस बैठक को शरद पवार की बड़ी सियासी चाल माना जा रहा है क्योंकि इसमें कांग्रेस कविपक्षो छोड़कर बाकी विपक्षी नेताओं को आमंत्रण भेजा गया है। जानकारों का कहना है कि पवार कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
प्रशांत किशोर से भेंट के बाद बुलाई बैठक
इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले सोमवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शरद पवार से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की थी। दोनों की करीब तीन घंटे तक चली मुलाकात के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। पिछले 15 दिनों के दौरान यह प्रशांत किशोर की पवार से दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले प्रशांत किशोर ने 11 जून को पवार से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात की थी और इस मुलाकात के दौरान भी दोनों ने लंबी चर्चा की थी।
प्रशांत किशोर की सक्रियता को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वे पश्चिम बंगाल में हुए हाल में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार थे। बंगाल के चुनाव में भाजपा की लाख कोशिशों के बावजूद ममता बनर्जी भारी बहुमत पाने में कामयाब रही थीं। इसे भाजपा की बड़ी चुनावी हार माना जा रहा है। ममता की इस जीत में प्रशांत किशोर की भी बड़ी भूमिका बताई जा रही है।
ममता बनर्जी को चेहरा बनाने की तैयारी
अब प्रशांत किशोर एक बार फिर विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। उनकी सियासी सक्रियता को 2024 के लोकसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।
सियासी जानकारों के मुताबिक प्रशांत तीसरा मोर्चा बनाकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोदी के खिलाफ चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्हें इस काम में पवार से समर्थन मिलता दिख रहा है। पवार को इस तीसरे मोर्चे का संयोजक बनाने की तैयारी है जबकि मोर्चे का चेहरा ममता बनर्जी होंगी।
मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्षी दल अगर मिलकर चुनाव मैदान में उतरें तो 2024 के चुनाव में पीएम मोदी को हराने में कामयाबी मिल सकती है। उनका कहना था कि अभी तो हमें कोरोना के खिलाफ जंग लड़नी है मगर समय आने पर हम मोदी सरकार के खिलाफ भी संघर्ष करेंगे।
ममता बनर्जी पहले भी विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश कर चुकी हैं। हाल के दिनों में उनका केंद्र सरकार से टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ से भी उनकी सरकार के तल्ख रिश्ते हैं और वे धनखड़ के बहाने एक केंद्र सरकार पर निशाना साधती रही हैं।
माना जा रहा है कि अब उन्होंने प्रशांत किशोर को विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी है ताकि 2024 के चुनाव में मोदी की अगुवाई वाली भाजपा के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी जा सके।