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राष्ट्रीय सुरक्षा और नैतिकता के मसले पर छिन सकती है पत्रकारों की मान्यता
New conditions for journalists : पत्रकारों को सरकारी मान्यता (Government recognition for journalists) के साथ अब कुछ नए शर्तें शामिल (New condition) हो गईं हैं।
New condition For Journalists : पत्रकारों को सरकारी मान्यता (Government recognition for journalists) के साथ अब कुछ नए शर्तें शामिल (New condition) हो गईं हैं, जिनमें एक है 'नैतिकता' (Ethics)। अगर किसी पत्रकार के लेखन में नैतिकता के खिलाफ (against morality) कोई बात पाई जाती, है तो उसकी मान्यता रद की जा सकती है। दरअसल, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा पत्रकारों के लिए बनाई गई नई मान्यता नीति में कड़ी शर्तें निर्धारित की गई हैं। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने इस नीति की घोषणा की है।
पत्रकार सरकारी मान्यता खो सकता है
नई मान्यता नीति में एक प्रावधान है जिसमें कहा गया है कि एक पत्रकार सरकारी मान्यता खो सकता है यदि वह कोई ऐसा काम करता है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता या अदालत की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाने के लिए प्रतिकूल है।
बदल गए मानदंड
पिछली बार मान्यता नीति 2013 में जारी हुई थी। जिसमें इस तरह के मानदंड का उल्लेख नहीं किया गया था। पिछली नीति में मान्यता की सामान्य शर्तों के तहत कहा गया था कि इसे "जिन शर्तों पर इसे दिया गया था उसके उल्लंघन पर इसे वापस ले लिया जाएगा। यदि मान्यता का दुरुपयोग पाया जाता है तो पमान्यता वापस लेने या उसे निलंबित किया जा सकेगा। नई नीति पर कुछ समय से काम चल रहा था और इसी वजह से मौजूदा पीआईबी मान्यता कार्डों के नवीनीकरण में देरी हुई थी।
नई शर्तें
- अब जारी नई नीति में शर्तों का एक नया खंड है जिसके तहत एक पत्रकार की मान्यता को निलंबित किया जा सकता है। इसके दस बिंदु हैं, जिनमें से एक में यह भी उल्लेख है कि यदि किसी पत्रकार पर "गंभीर संज्ञेय अपराध" का आरोप लगाया जाता है, तो मान्यता निलंबित की जा सकती है।
- मान्यता के निलंबन की अन्य शर्तों में "गैर-पत्रकारिता गतिविधियों" के लिए इसका उपयोग करना, झूठी जानकारी देना, पत्रकार जिस संगठन का हिस्सा था, उसका अस्तित्व समाप्त हो जाना या पत्रकार का वह संगठन छोड़ देना शामिल है।
- पत्रकार सोशल मीडिया, विजिटिंग कार्ड या लेटरहेड आदि पर "भारत सरकार से मान्यता प्राप्त" का उल्लेख नहीं कर सकता है।
डिजिटल मीडिया के पत्रकार भी मान्य
नई नीति ने पहली बार ऑनलाइन समाचार प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले पत्रकारों की मान्यता के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। हालांकि, न्यूज एग्रीगेटर्स (गूगल न्यूज़, डेली हंट आदि) इसके दायरे से बाहर रखे गए हैं।
नीति में कहा गया है कि ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म एक वर्ष से अधिक समय से चलता हुआ होना चाहिए। ऐसी वेबसाइटों को अपनी साइट पर पिछले छह महीनों में आगंतुकों की औसत मासिक संख्या का ऑडिट कैग-अनुमोदित या उसके पैनल में शामिल लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाना चाहिए।प्रति माह 10 से 50 लाख यूनिक विज़िटर्स वाली वेबसाइट को एक पत्रकार की मान्यता मिलेगी। जबकि प्रति माह 1 करोड़ से अधिक यूनिक विज़िटर्स वाली वेबसाइट के चार पत्रकारों को मान्यता मिल सकती है।
इसके अलावा पीआईबी मान्यता के लिए समाचार पत्रों, साप्ताहिक या पाक्षिक पत्रिकाओं, समाचार एजेंसियों, विदेशी प्रकाशनों, टीवी चैनलों या एजेंसियों और भारतीय टीवी समाचार चैनलों के साथ काम करने वाले पत्रकार पात्र हैं।।इस समय पीआईबी से मान्यता प्राप्त 2457 पत्रकार हैं। मीडिया संगठनों के साथ काम करने वाले पत्रकारों के अलावा, 15 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले फ्रीलांसर और 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले अनुभवी पत्रकार, 65 वर्ष से अधिक उम्र के, "सार्वजनिक रूप से प्रशंसित विशिष्ट कैरियर" वाले पत्रकार भी पात्र हैं।