फुस्स साबित हुई पवार की बैठक, तीसरे मोर्चे की कवायद से झाड़ा पल्ला, एनसीपी बोली-सिन्हा ने बुलाई बैठक

राष्ट्र मंच के बैनर तले हुई इस बैठक को 2024 के चुनावों के लिए तीसरे मोर्चे की कवायद माना जा रहा था मगर एनसीपी ने तीसरे मोर्चे की तैयारी के एजेंडे को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 23 Jun 2021 5:42 AM GMT
NCP has completely rejected the agenda of preparing for the Third Front.
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फुस्स साबित हुई पवार की बैठक: फोटो- सोशल मीडिया  

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के घर मंगलवार को हुई बैठक में कोई भी कद्दावर नेता हिस्सा लेने नहीं पहुंचा। राष्ट्र मंच के बैनर तले हुई इस बैठक को 2024 के चुनावों के लिए तीसरे मोर्चे की कवायद माना जा रहा था मगर एनसीपी ने तीसरे मोर्चे की तैयारी के एजेंडे को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

बैठक में राष्ट्र मंच के संस्थापक यशवंत सिन्हा भी शरद पवार के साथ मौजूद थे मगर एनसीपी के नेता माजिद मेनन का कहना है कि यह बैठक यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी और इसका तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद से कोई संबंध नहीं था। जानकारों के मुताबिक करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में कोई सियासी चर्चा नहीं की गई। सिर्फ बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर ही सबने अपनी राय रखी।

मीडिया में आई खबरों में कोई दम नहीं

बैठक के बाद एनसीपी के नेता माजिद मेमन ने कहा कि मीडिया में इस बैठक को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद बताया गया मगर ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया में आई ये खबरें पूरी तरह गलत हैं कि यह बैठक शरद पवार की ओर से बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि राष्ट्र मंच के संस्थापक यशवंत सिन्हा ने यह बैठक बुलाई थी और हम सभी मंच से जुड़े होने के कारण इस बैठक में मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर से पवार की मुलाकात के बाद हुई इस बैठक को लेकर मीडिया में गलत खबर प्रसारित की गई कि बैठक तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद है। इस तरह की खबरों में कोई भी दम नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, मनीष तिवारी, शत्रुघ्न सिन्हा और विवेक तंखा जैसे नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रण भेजा था मगर दिल्ली में न रहने के कारण इनमें से कोई भी नेता बैठक में हिस्सा नहीं ले सका।

यशवंत सिन्हा: फोटो- सोशल मीडिया

बैठक में नहीं हुई कोई सियासी चर्चा

बैठक के बाद सपा नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि राष्ट्र मंच के संयोजक यशवंत सिन्हा को एक टीम बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह टीम देश के लोगों की समस्याओं से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर अपना नजरिया रखेगी।

बैठक में हिस्सा लेने वाले नीलोत्पल बसु ने कहा कि बैठक में किसी राजनीतिक मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की गई।उन्होंने कहा कि सिर्फ देश में बढ़ रही बेरोजगारी और महंगाई को लेकर ही बैठक में विस्तृत विचार विमर्श किया गया। बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे मगर वे कुछ देर बाद ही बैठक से निकल गए। बैठक में रालोद नेता जयंत चौधरी, माकपा नेता नीलोत्पल बसु, वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी, सीपीआई सांसद विनय विश्वम और आम आदमी पार्टी के नेता सुशील गुप्ता भी मौजूद थे।

इसलिए उड़ी तीसरे मोर्चे की चर्चा

राष्ट्र मंच की बैठक पवार के घर होने की घोषणा के बाद ही इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि यह बैठक 2024 के आम चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की कवायद है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की इससे पूर्व पवार से दो बार मुलाकात हो चुकी थी। इस कारण इन चर्चाओं को काफी बल मिला कि पवार प्रशांत किशोर के साथ मिलकर तीसरे मोर्चे की कवायद में जुटे हुए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीसरे मोर्चे का चेहरा बनाए जाने की भी चर्चा थी।

भाकपा सांसद विनय विश्वम ने भी इसे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक वाम ताकतों का मंच बताया था। उनका कहना था कि देश को बदलाव की जरूरत है और लोग देश में बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस तरह के बयानों के कारण ही इसे तीसरे मोर्चे की कवायद माना जा रहा था।


राहुल बोले-सही समय पर करूंगा बात

बैठक में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति भी चर्चाओं में रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस बाबत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस समय बैठकों का दौर चल रहा है मगर वे सही समय आने पर इस मुद्दे पर बात करेंगे।

कोरोना पर सरकार की विफलता पर श्वेत पत्र जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस समय मुद्दों से भटकना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि अभी देश को सरकार की विफलताओं के बारे में जानकारी देना जरूरी है और मैं उसी काम में लगा हुआ हूं।

सियासी जानकारों का कहना है कि पवार के घर हुई यह महत्वपूर्ण बैठक फुस्स साबित हुई क्योंकि इसमें कोई भी कद्दावर नेता हिस्सा लेने नहीं पहुंचा। बैठक में किसी सियासी मुद्दे पर चर्चा न होने से इसकी प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यही कारण है कि एनसीपी ने इस बैठक से पल्ला झाड़ते हुए यह बयान जारी किया कि बैठक पवार नहीं बल्कि यशवंत सिन्हा की ओर से बुलाई गई थी।

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