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कोरोना के बदलते स्वरूप: राज्यों में मिले अलग तरह के वायरस, वैज्ञानिक भी हैरान
कोरोना वायरस में छह बदलाव मिले हैं। इन बदलावों में ब्रिटिश (बी.1.1.7), दक्षिण अफ्रीकी (बी.1.351) और ब्राजिलियाई...
नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर नए खुलासे किए गए हैं। वायरस के 6 नए स्वरूपों के कारण विस्फोटक स्थिति में है। ऐसे में वैज्ञानिकों के अनुसार, तीन स्वरूप भारत में बदले हैं। तीन अन्य ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से आए हैं। साथ ही एक ही इलाके में तीन प्रकार के वायरस और राज्यो में दो तरह के वायरस हालात बिगाड़ रहे हैं। लगातार तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे ये एक बहुत बड़ा कारण है।
ऐसे में जीनोम सीक्वेंसिंग की जानकारी शेयर करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें महाराष्ट्र के हर जिले के लिए अलर्ट जारी किया गया है। क्योंकि महाराष्ट्र में 60 प्रतिशत मामले वायरस के नए स्वरूपों से जुड़े हुए हैं।
नए स्वरूप ज्यादा खतरनाक
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस में छह बदलाव मिले हैं। इन बदलावों में ब्रिटिश (बी.1.1.7), दक्षिण अफ्रीकी (बी.1.351) और ब्राजिलियाई (पी.1) से आए हैं। जबकि एक साल से देश में संक्रमण फैला रहे वायरस में बदलाव के बाद ई484क्यू, एल452आर और एन440के नामक रूप सामने आए हैं। ये नए स्वरूप मूल वायरस के मुकाबले दो से छह गुना तक ज्यादा प्रसार की क्षमता रखते हैं।
सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, 23 राज्यों से संक्रमितों के 14 हजार सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में पता चला है कि 18 राज्यों में एक से अधिक स्वरूप मिल चुके हैं। इनमें से 10 राज्यों में एक साथ दो तरह के वायरस फैल रहे हैं। राजधानी दिल्ली में मिले तीन तरह के वायरसों में ब्रिटिश स्ट्रेन भी शामिल है।
वायरस के बदलते स्वरूप
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक से अधिक बार बदले वायरस से वैक्सीन बचा पाएगी या नहीं, इस बारे में वैज्ञानिक ज्यादा नहीं जान पाए हैं। अभी जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए वायरस को समझना व इससे बचना जरूरी है।
इस बारे में हैदराबाद स्थित सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि संक्रमित के संपर्क में आने वाले कम से कम 30 लोगों की निगरानी की जा रही है। संपर्क में आए लोग भी संक्रमित मिलने पर उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जा रही है। साथ ही इससे खुलासा हुआ है कि नवंबर 2020 से मार्च 2021 तक के पांच महीनों में वायर से 6 स्वरूप मिल हैं जिनमें से तीन बदलाव देश में ही हुए हैं। मुश्किल यह है कि इनमें से कौन कितना जानलेवा है या गंभीर है। इसका पता नहीं लग पा रहा है।