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Medical Study In Pakistan: NMC की छात्रों को सलाह, पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में न लें दाखिला

एनएमसी ने छात्रों से पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने से बचने के लिए कहा है। ऐसी ही सलाह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने कुछ दिन पहले दिया था।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 4 May 2022 3:42 PM IST
nmc advises indian students not to medical study in pakistan
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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की छात्रों को सलाह, पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में न लें दाखिला। (Social Media)

Medical Study In Pakistan: पड़ोसी देश पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों को लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने बड़ा बयान दिया है। एनएमसी ने छात्रों से पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने से बचने के लिए कहा है। एनएमसी ने यह नोटिस ऐसे समय में जारी की है जब अब से कुछ दिन पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने संयुक्त एडवायजरी के माध्यम से भारतीय छात्रों से पाकिस्तान में किसी भी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन न लेने का आग्रह किया था।

एआईसीटीई और यूजीसी के इस एडवायजरी में कहा गया था कि अगर छात्र ऐसा करने में विफल रहे तो वे इस देश (भारत) में नौकरी खोजने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। एनएमसी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि सभी संबंधित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मेडिकल एजुकेशन के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करें।

नोटिस में ऐसे लोगों को दी गई छूट

नोटिस में कहा गया कि भारत का कोई भी नागरिक-प्रवासी नागरिक जो पाकिस्तान के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस-बीडीएस या उसके समकक्ष के मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेना चाहता है, वह एफएमजीई में उपस्थित होने या भारत में रोजगार पाने के पात्र नहीं होंगे। हालांकि इसमें उन लोगों को छूट प्राप्त है जिन्होंने दिसंबर 2018 से पहले या बाद में गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद पाकिस्तान के डिग्री कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में एडमिशन लिया था। बता दें कि विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) और नेशनल एग्जिट टेस्ट मेडिकल छात्रों के भारत में प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंसिंग परीक्षा है।

क्यों लिया गया यह फैसला

दरअसल हाल ही में जम्मू कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तानी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले एक भारतीय छात्र और उसके पिता सहित तीन लोगों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने और सेना से संबंधित संवेदनशील जानकारियां सीमापार पहुंचाने के मामले में आऱोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने कहा कि युवाओं को आतंकी समूहों में भर्ती करने के लिए पाकिस्तान द्वारा उच्च शिक्षा का दुरूपयोग किया जा रहा है।

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