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Nobel Prize 2021: डेविड कार्ड, जोशुआ डी.एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल 

नोबेल प्राइज से सम्मानित होने वाले अर्थशास्त्रियों में बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डेविड कार्ड, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जोशुआ डी.एंग्रिस्ट और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के गुइडो इम्बेन्स शामिल हैं।

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Report amanPublished By Divyanshu Rao
Published on: 11 Oct 2021 6:32 PM IST
Nobel Prize 2021
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डेविड कार्ड, जोशुआ डी.एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेन्स की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

लखनऊ। अर्थशास्त्र के लिए वर्ष 2021 के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2021 List) की घोषणा कर दी गई है। यह पुरस्कार इस साल डेविड कार्ड और जोशुआ डी. एंग्रिस्ट और गुइडो डब्ल्यू इम्बेंल को संयुक्त रूप से दिया गया है। ये तीनों अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। इन्हें अनपेक्षित प्रयोगों या तथाकथित 'प्राकृतिक प्रयोगों' से निष्कर्ष निकालने पर काम करने के लिए अर्थशास्त्र के 2021 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डेविड कार्ड को श्रम अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए सम्मान मिला है।

नोबेल प्राइज से सम्मानित होने वाले अर्थशास्त्रियों में बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डेविड कार्ड, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जोशुआ डी.एंग्रिस्ट और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के गुइडो इम्बेन्स शामिल हैं। पुरस्कार देने वाली संस्था रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस ने कहा कि तीनों ने ही आर्थिक विज्ञान में अनुभवजन्य कार्य को पूरी तरह से बदल दिया है। इसीलिए इन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।

कौन हैं डेविड कार्ड (Kon Hai David Card)

जानकारी के अनुसार डेविड कार्ड एक कनाडाई मूल के अर्थशास्त्री हैं, जो बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। उन्हें यह नोबेल पुरस्कार 'श्रम अर्थशास्त्र' में उनके योगदान के लिए दिया गया है। 90 के दशक की शुरुआत में उनके अध्ययन ने पारंपरिक ज्ञान को चुनौती दी थी। जिससे नए विश्लेषण और अतिरिक्त जानकारी प्राप्त हुई। परिणाम दिखाते हैं कि न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने से जरूरी नहीं कि नौकरियां भी कम हों।

डेविड कार्ड की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

श्रम बाजार के बारे में दी नई जानकारी

वहीं, जोशुआ डी. एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेंस को 'औपचारिक संबंधों के विश्लेषण' में उनके योगदान के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार मिला है। 1990 के दशक के मध्य में जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इम्बेंस ने दिखाया कि 'प्राकृतिक प्रयोगों से कारण और प्रभाव' के बारे में सटीक निष्कर्ष कैसे निकाले जा सकते हैं।

क्या कहना है नोबेल समिति का?

इन तीनों अर्थशास्त्रियों के नामों की घोषणा करते हुए नोबेल समिति ने कहा कि 'हमें श्रम बाजार के बारे में नई जानकारी प्रदान करने और प्राकृतिक प्रयोगों से कारण व प्रभाव के बारे में किस तरह से निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं, यह दिखाने के लिए शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया है।'

अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में स्थापित नहीं

बता दें कि अन्य नोबेल पुरस्कारों के विपरीत अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का ज़िक्र अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में नहीं किया गया था। बल्कि स्वीडिश केंद्रीय बैंक द्वारा 1968 में उनकी स्मृति में इसकी शुरुआत की गई थी। जिसके तहत पहले विजेता को एक साल बाद चुना गया था। यह प्रत्येक वर्ष घोषित नोबेल का अंतिम पुरस्कार है।

बीते साल यह पुरस्कार स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो अर्थशास्त्रियों पॉल आर. मिल्ग्रोम और रॉबर्ट बी. विल्सन को दिया गया था। उन्होंने नीलामी को अधिक कुशलता से संचालित करने की मुश्किल समस्या का समाधान पेश किया था। जबकि बीते हफ्ते साल 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेस्सा और रूस के दिमित्री मुरातोव को उन देशों में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के लिए इनके योगदान के लिए दिया गया था। जबकि साहित्य का नोबेल तंजानिया मूल के लेखक और ब्रिटेन में रहने वाले अब्दुल रजाक गुरनाह को दिया गया। गुरनाह का लेखन शरणार्थियों को समर्पित है।



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Divyanshu Rao

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