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नाॅनवेज पर फरमान, मीट की होगी पहचान, दुकानदार बताएंगे हलाल है या झटका

रेस्टोरेंट और दुकानदारों को ये बताना होगा कि जो मीट वो बेच या परोस रहे हैं, वो हलाल है या झटका.

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 31 March 2021 10:46 AM GMT
नाॅनवेज पर फरमान, मीट की होगी पहचान, दुकानदार बताएंगे हलाल है या झटका
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सोशल मीडिया से प्रतिकात्मक फोटो

नई दिल्ली उत्तरी दिल्ली के रेस्टोरेंट और दुकानों को ये बताना जरूरी है कि जो मीट वह बेच रहे हैं वो हलाल है या झटका । इस मामले में बीजेपी के नेतृत्व वाली उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसके अनुसार रेस्टोरेंट और दुकानदारों को ये बताना होगा कि जो मीट वो बेच या परोस रहे हैं, वो हलाल है या झटका।

अनिवार्य रूप से लागू

इस प्रस्ताव को हाल ही में एनडीएमसी की स्थायी समिति ने दिया था। उत्तरी दिल्ली के मेयर ने कहा कि सदन ने "बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसके बाद अब उत्तरी दिल्ली में रेस्टोरेंट और दुकानों को अब अनिवार्य रूप से बताना होगा कि जो मीट बेचा जा रहा है या परोसा जा रहा है, वो हलाल या झटका है"।

और कहा कि हिन्दू और सिख धर्म में हलाल मीट खाना निषेध है। इसलिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में जितने रेस्टोरेंट है उन्हें ये लिखना अनिवार्य कर दिया गया है कि संचालक ग्राहकों को पहले बताएं कि मीट हलाल है या झटका है। इससे लोगों की धार्मिक आस्था पर चोट नहीं पहुंचेगा।

हलाल मीट खाना निषेध

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा हमारा देश धर्म प्रधान देश है। यहां किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना सही नहीं है। हिंदू और सिख धर्म के लोग जहां हलाल मीट नहीं खाते हैं, वहीं मुस्लिम धर्म में झटका मीट खाना निषेध है। इसलिए निगम ने यह फैसला किया है कि होटल, ढाबे या रेस्टोरेंट संचालकों को बताना होगा कि उनके यहां किस तरह का मीट उपलब्ध कराया जा रहा है। यह फैसला इसलिए किया जा रहा ताकि आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे।

North Delhi Municipal Corporation

बता दें कि मीट को लेकर अक्सर विवाद उठता रहा है। होटलों में झटका या हलाल, कौन सा मीट परोसा जा रहा है, इसको लेकर भी कई धार्मिक संगठन लगातार सरकार से इस संबंध में नियम बनाने की वकालत करते रहे हैं। मुसलमान किसी भी हाल में हलाल मीट ही खाते हैं जबकि सिख और हिंदू झटका मीट को वरीयता देते हैं। हलाल करने से पहले कलमा पढ़ने और गर्दन पर तीन बार छुरी फेरने की मान्यता है। इस्लामिक कानून के मुताबिक जानवर हलाल के समय बेहोश नहीं होना चाहिए।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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