NSE Co location Scam: को-लोकेशन मामले में CBI ने चित्रा रामकृष्ण को किया गिरफ्तार, आज होंगी अदालत में पेश

NSE Co location Scam: सीबीआई ने रविवार देर शाम एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है।

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Newstrack Network / Shreya
Published on: 7 March 2022 2:57 AM GMT
NSE Co location Scam: को-लोकेशन मामले में CBI ने चित्रा रामकृष्ण को किया गिरफ्तार, आज होंगी अदालत में पेश
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चित्रा रामकृष्ण (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

NSE Co location Scam: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन घोटाला मामले (NSE Co-location Scam Case) में सीबीआई (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कल यानी रविवार को चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को गिरफ्तार कर लिया है, जो कि एनएसई की सीईओ रह चुकी हैं। यह जानकारी अधिकारियों के द्वारा दी गई है। बताया गया है कि चित्रा रामकृष्ण को रविवार देर शाम दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है और सीबीआई मुख्यालय में हवालात में रखा गया। वहीं, आज उन्हें लोकल कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां पर उनकी कस्टडी की मांग की जाएगी।

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई द्वारा लगातार तीन दिनों तक चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ और उनकी आवास की तलाशी लेने के बाद यह कार्रवाई की गई है। दरअसल, सीबीआई की टीम ने चित्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अधिकारी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं थे। जिसके बाद वह गिरफ्तार की गई हैं। इससे पहले दिल्ली स्थित सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने चित्रा को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। बताते चलें कि सीबीआई ने इस मामले में 25 फरवरी को पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर व चित्रा के सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम को भी गिरफ्तार किया था।

NSE (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एसएनई को-लोकेशन घोटाला क्या है (NSE Co location Scam Kya Hai)?

पहले आप समझिए कि एसएनई को-लोकेशन (NSE Co location) क्या होता है? ब्रोकरेज हाउस अपने सर्वर एक्सचेंज को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सर्वर से करीब रखते हैं। जिससे ब्रोकरेज हाउस के सदस्य तेजी से एनएसई के सर्वर को एक्सेस कर सकते हैं। इसके जरिए उन्हें बाय और सेल ऑर्डर जल्दी-जल्दी प्लेस करने में मदद मिलती है।

साल 2015 में एक ब्रोकर के जरिए सेबी को शिकायत मिली थी कि को-लोकेशन सुविधा (Co-Location Facility) को चुनने वाले अन्य लोगों के मुकाबले कुछ लोगों को ज्यादा तेजी से डेटा मिल रहा था, जो कि को-लोकेशन फैसेलिटी के सिद्धांत के खिलाफ है। दरअसल, ब्रोकरेज हाउस के सभी सदस्यों के लिए को-लोकेशन में डेटा पारदर्शी और बराबर होता है। ब्रोकर से मिली शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई और जांच में यह बात सच साबित हुई। सेबी ने जांच में पाया कि CEO रवि नारायण और चित्रा रामकृष्णा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां हुई हैं।

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