×

इन ओलम्पियंस ने साबित कर दिया कि सफलता का उम्र से कोई नाता नहीं

टोक्यो ओलंपिक्स में ढेरों खिलाड़ियों ने इस धारणा को गलत साबित कर दिखाया है...

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Ragini Sinha
Published on: 9 Aug 2021 12:17 PM GMT
Olympians proved that there is no age for success
X

ओलम्पियंस ने साबित कर दिया कि सफलता की कोई उम्र नहीं (social media)

नई दिल्ली। आम तौर पर खेलों का का सम्बन्ध बच्चों और युवाओं से माना जाता है। एक आम धारणा है कि ये सब युवाओं की चीजें हैं और एक उम्र के बाद इनसान खासकर खेलों में कोई मुकाम हासिल नहीं कर सकता है। लेकिन टोक्यो ओलंपिक्स में ढेरों खिलाड़ियों ने इस धारणा को गलत साबित कर दिखाया है।

इस बार के ओलंपिक्स में उम्र के दोनों छोर वाले खिलाड़ियों ने अपने दम और जोश से दुनिया पर छाप छोड़ी है। टोक्यो में जहाँ सीरिया की 12 वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हेंद जाज़ा सुर्ख़ियों में रही वहीं ऑस्ट्रेलिया की 66 वर्षीय मैरी हाना भी छाई रहीं।

उज्बेकिस्तान जिमनास्ट ओक्साना शुसोवितिना

उज्बेकिस्तान की 46 वर्षीय जिमनास्ट ओक्साना शुसोवितिना का ये आठवां ओलिंपिक था। उन्होंने ओलिंपिक के एक ऐसे इवेंट में शिरकत की जिस पर किशोरावस्था के एथलीटों का वर्चस्व रहता है। ओक्साना का ये आखिरी ओलिंपिक था और उनके प्रदर्शन के बाद मैदान में मौजूद सभी लोगों ने खड़े हो कर उनका अभिवादन किया और बिदाई दी।

ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी मैरी हाना

ऑस्ट्रेलिया की मैरी हाना 66 वर्ष की हैं और किसी भी ओलिंपिक में शामिल होने वाली वो दूसरी सबसे उम्रदराज महिला खिलाड़ी हैं। उम्र सम्बन्धी रिकार्ड यूनाइटेड किंगडम की लोरना जॉनस्टोन के नाम है जिन्होंने 70 साल की उम्र में 1972 ओलिंपिक में भाग लिया था। मैरी हाना और लोरना जॉनस्टोन, दोनों ही घुड़सवारी की एथलीट हैं। हाना का कहना है कि अगले ओलिंपिक सिर्फ तीन साल बाद होने हैं सो अगर मेरा शरीर पूरी तरह जवाब नहीं दे देता तो मैं निश्चित ही पेरिस ओलिंपिक में भाग लूंगी।

ऑस्ट्रालिया की खिलाड़ी एंड्रू होय

ऑस्ट्रालिया के ही एक अन्य एथलीट 62 वर्षीय एंड्रू होय ने टोक्यो ओलिंपिक में घुड़सवारी के दो इवेंट में न सिर्फ भाग लिया बल्कि रजत और कांस्य पदक भी जीते हैं। होय का ये आठवां ओलिंपिक था और उनका इरादा तो 2032 के ओलिंपिक में भी शामिल होने का है। होय ने कहा कि उनकी निगाहें 2032 में ब्रिस्बेन में होने वाले ओलिंपिक पर हैं। उन्होंने कहा – जब तक मैं स्वस्थ हूँ तब तक मैं वह करता रहूँगा जो मुझे अच्छा लगता है।

लक्सम्बर्ग की खिलाड़ी शा लियन नी

लक्सम्बर्ग की 58 वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी शा लियन नी भी एक बेहद ऊर्जावान खिलाड़ी हैं जिन्होंने टोक्यो को मिला कर पांच ओलिंपिक में भाग लिया है। लियन नी कोई आम खिलाड़ी नहीं हैं जो पूरा समय खेलों के प्रशिक्षण में लगाते हैं, बल्कि वो हफ्ते में सिर्फ दो—तीन बार प्रैक्टिस करती हैं। किसी मैच के सिर्फ दस मिनट पहले वह वार्म-अप करती हैं और सबसे बड़ी बात ये कि उनकी नजरें भी कमजोर हैं और वो करीब की चीजों पर फोकस नहीं कर पाती हैं। कई मर्तबा तो वे सिर्फ अनुमान के आधार पर खेलती हैं।

उज्बेकिस्तान ओक्साना शुसोवितिना

उज्बेकिस्तान की 46 वर्षीय ओक्साना शुसोवितिना भले ही जिम्नास्टिक्स में वॉल्ट के फाइनल राउंड में क्वालीफाई न कर पाई हों लेकिन उनको अन्य जिमनास्ट और सभी लोगों का भरपूर समर्थन मिला। खेल की समाप्ति पर सभी ने खड़े हो कर उनका अभिवादन किया। ओक्साना का ये आठवां और संभवतः आखिरी ओलिंपिक था। इवेंट के बाद ओक्साना ने कहा कि मैं खुशी के मारे रो पड़ी थी क्योंकि इतने ज्यादा लोगों का मुझे बहुत लम्बे समय तक समर्थन मिला। मेरे लिए ये बहुत गर्व और प्रसन्नता का लम्हा है।

जॉर्जिया की खिलाड़ी नीनो सलुक्वाज़ेबेकम

जॉर्जिया की शूटर नीनो सलुक्वाज़ेबेकम ओलिंपिक के इतिहास की एकलौती महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिन्होंने नौ ओलिंपिक खेलों में भाग लिया है। 52 वर्षीय नीनो और उनके पुत्र त्सोत्ने मैशेवारियानी ने 2016 के रिओ ओलिंपिक में हिस्सा लिया था और ये भी एक ओलिंपिक रिकॉर्ड है जब एक साथ किसी माँ-बेटे ने एक ही ओलिंपिक में शिरकत की हो। नीनो की नजर अब पेरिस ओलिंपिक पर है।

मोरक्को की खिलाड़ी अब्देलकेबिर ओद्दर

मोरक्को के 59 वर्षीय घुड़सवार अब्देलकेबिर ओद्दर का ये दूसरा ओलिंपिक रहा है। 2016 के रिओ ओलिंपिक में अब्देलकेबिर ने उद्घाटन समारोह में मोरक्को का ध्वज लेकर दल का नेतृत्व किया था। वे घुड़सवारी में जंपिंग इवेंट में भाग लेते हैं। हालाँकि उन्होंने कोई पदक नहीं जीता है लेकिन फाइनल तक क्वालीफाई जरूर किया है। अब्देलकेबिर को बचपन में मोरक्को के शाही परिवार ने गोद ले लिए था और वहीं से उन्होंने घुड़सवारी सीखी थी।

अर्जेंटीना की खिलाड़ी सेंटिआगो राउल लांगे

अर्जेंटीना के 59 वर्षीय सेंटिआगो राउल लांगे का ये छठवां ओलिंपिक था। वे अर्जेंटीना की नौकायन टीम के सदस्य हैं और 2016 के रिओ ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। सबसे हैरत की बात ये है कि वे कैंसर से पीड़ित रहे हैं और उनका एक फेफड़ा 80 फीसदी काट कर हटा दिया जा चुका है। सेंटिआगो का कहना है कि कैंसर के ऑपरेशन की वजह से उनको रिओ ओलिंपिक में भाग लेने का मोटिवेशन मिला। सेंटिआगो नौकायन की सभी इंटरनेशनल स्पर्धाओं में अनेकों मर्तबा शिरकत कर चुके हैं। उनके दो बेटों ने भी रिओ ओलिंपिक में साथ शिरकत की थी।

थाईलैंड की खिलाड़ी सवाते स्रेस्थापोर्न

थाईलैंड की शूटिंग के सदस्य हैं 58 वर्षीय सवाते स्रेस्थापोर्न जिन्होंने 2007 में इस खेल में भाग लेना शुरू किया था। उन्होंने पहली बार किसी शूटिंग इवेंट में 2008 में भाग लिया। सवाते एक बिजनेसमैन हैं और बैंकाक में मोजा बनाने वाली एक कंपनी के निदेशक हैं। इसके अलावा वे एक पायलट भी हैं।

अब्दुल्ला अल रशीदी

कुवैत के 58 वर्षीय अब्दुल्ला अल रशीदी सात बार ओलंपिक्स में भाग ले चुके हैं। टोक्यो ओलिंपिक में उन्होंने पुरुषों के स्कीट शूटिंग इवेंट में कांस्य पदक जीता है। अब उनकी निगाहें पेरिस ओलिंपिक पर हैं। अल रशीदी कहते हैं कि वे स्कीट इवेंट में सबसे उम्रदराज शूटर थे और उनके लिए कांस्य पदक जीतना सोना जीतने से बढ़ कर है। उन्होंने कहा कि वे पेरिस ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतेंगे।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

Next Story