Omicron Alert: भारत में कर्फ्यू लगाने की जरूरत, बढ़ा ओमिक्रान का खतरा, जल्द होगा एलान

Omicron Alert: ओमीक्रान सबसे ज्यादा मामले दिल्ली में आये हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, तेलांगना, कर्नाटक, राजस्थान, केरल और गुजरात हैं।

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 22 Dec 2021 1:27 PM GMT
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भारत में कर्फ्यू लगाने की जरूरत (फोटो- सोशल मीडिया)

Omicron cases in india Lockdown: ओमीक्रान को लेकर देश में स्थिति अब इतनी चिंताजनक हो गई है कि केंद्र सरकार ने राज्यों को कमर कस लेने की हिदायत दी है। राज्यों को भेजे ताजा पत्र में केंद्र ने कहा है कि अब ओमीक्रान का फैलाव रोकने के लिए 'वॉर रूम' बनाने की जरूरत है और सभी राज्यों को रोकथाम के सभी आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है और जरूरत पड़े तो राज्य सरकारें कर्फ्यू भी लगा सकती हैं।

जब बात कर्फ्यू की होने लगे तो समझ जाइये कि स्थिति क्या है और ऐसे में हर व्यक्ति की ड्यूटी है कि वह सावधानी बरतें, अपने को बचाये और दूसरों को भी बचाये। देखादेखी न करके खुद मास्क पहनिए और भीड़ से बचिए। ये जान लीजिए कि ओमीक्रान, डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है।

ओमीक्रान सबसे ज्यादा मामले दिल्ली में आये हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, तेलांगना, कर्नाटक, राजस्थान, केरल और गुजरात हैं। इनके अलावा जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी ओमीक्रान के मामलों की पुष्टि हुई है।


जांच में ढिलाई

ओमीक्रान के फैलाव के बावजूद लगभग सभी राज्यों में रोजाना की जाने वाली जांच की संख्या बढ़ाई नहीं गई है। मिसाल के तौर पर दिल्ली में जिस तरह का तेज रिस्पांस होना चाहिए वह नहीं है जबकि दिल्ली में रोजाना सामने आने वाले संक्रमण के मामले छह महीनों में सबसे ऊंचे स्तर पर हैं।

अगर संक्रमण के कुल मामले ही कम पकड़े जाएंगे तो उनमें से विशेष रूप से ओमीक्रान के मामलों की संख्या और भी कम पाए जाने की संभावना है। अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर के बीच लगभग सभी राज्यों को जांच की रफ्तार मजबूरन बढ़ानी पड़ी थी। जानकार कह रहे हैं कि जांचों की संख्या बढ़ाने का समय फिर से आ गया है। इसमें विलम्ब नहीं करना चाहिए।

दिल्ली में रोजाना सिर्फ 45,000 से 67,000 सैंपलों की जांच की जा रही है, जिनमें से करीब 100 सैंपल पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। जांच की यह संख्या भी बीच बीच में घट जाती है, जबकि पॉजिटिविटी दर लगातार बढ़ती ही जा रही है। दूसरे राज्यों और विशेष रूप से बड़े राज्यों में स्थिति और भी चिंताजनक नजर आती है।

Vidushi Mishra

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