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Omicron Sub-Variant: ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, भारत में मिले 530 सैंपल्स, जानें कितना है खतरनाक

Omicron Sub-Variant:ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट BA.2 दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और इसके अब तक भारत में करीब 539 सैंपल्स मिल चुके हैं। जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 24 Jan 2022 10:52 AM IST
Corona virus
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 कोरोना केस (फोटो साभार- Social Media)

Omicron Sub-Variant: भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड-19 की नई लहर के पीछे ओमिक्रॉन को वजह माना जा रहा है और इस पर काबू करने के लिए देश की सरकारें जुटी हुई हैं। लेकिन अब इस बीच एक चिंताजनक बात सामने आई है। दरअसल, ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट BA.2 दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और इसके अब तक भारत में करीब 539 सैंपल्स मिल चुके हैं। जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।

ब्रिटेन में ओमिक्रॉन का यह नया वेरिएंट तबाही मचा रहा है। होल जीनोम सीक्वेंसिंग (WGS) के जरिए ब्रिटेन में अब तक ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट के 426 मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही इस स्वरूप के करीब 40 देशों में फैलने के संकेत दिए गए हैं। केवल इतना ही नहीं कहा यह भी जा रहा है कि यह वेरिएंट भारत के लिए भी बड़ा खतरा बनकर उभर सकता है। बता दें कि BA.2 स्ट्रेन को ओमिक्रॉन का सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट कहा गया है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

महामारी के आ सकते हैं दो अलग-अलग पीक

जानकारी के लिए बताते चलें कि ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट BA.2 का पहला मामला 6 दिसंबर 2021 को दर्ज किया गया था। लंदन शहर में सबसे ज्यादा 146 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। BA.2 स्ट्रेन ओमिक्रॉन की तुलना में तेजी से फैल रहा है। लगभग 40 देशों में अब तक इसका प्रसार हो चुका है। इसे लेकर डेनमार्क के शोधकर्ताओं का कहना है कि नए वेरिएंट BA.2 की वजह से महामारी के दो अलग-अलग पीक आ सकते हैं। साथ ही इसका प्रकोप फ्रांस और डेनमार्क के बाहर पूरे यूरोप व उत्तरी अमेरिका में बढ़ सकता है।

कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट?

इसके अलावा भारत में भी ओमिक्रॉन सबवेरिएंट के 530 सैंपल्स मिल चुके हैं। कहा जा रहा है कि यह वेरिएंट भारत के लिए भी बड़ा खतरा बनकर उभर सकता है। हालांकि अब तक यह साबित नहीं हुआ है कि BA.2 स्ट्रेन ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक है या नहीं। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि सब-वेरिएंट BA.1 की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है, लेकिन अधिक घातक नहीं लगता।

यूकेएचएसए में कोविड -19 इंसीडेंट डायरेक्टर डॉ मीरा चंद ने कहा कि BA.2, ओमिक्रॉन BA.1 की तुलना में ज्यादा गंभीर है या नहीं यह फिलहाल निर्धारित कर पाना मुश्किल है, लेकिन UKHSA इसकी जांच में लगा हुआ है। वहीं, यूकेएचएसए (UKHSA) ने यह भी बताया है कि BA.2 स्ट्रेन में कोई खास म्यूटेशन नहीं हुई हैं, जिस वजह से इसे डेल्टा स्वरूप से अलग किया जा सकता है। बता दें कि ओमिक्रॉन का BA.2 स्ट्रेन का पता केवल जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए ही लगाया जा सकता है।

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