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11 May 1998: भारत की परमाणु शक्ति दर्शाता ऐतिहासिक दिन, दुनिया भर की खुफिया एजेंसी रह गईं सन्न

11 May 1998: 11 मई 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार बाजपेयी (Atal Bihar Vajpayee) के शासन में 11 मई 1998 को भारत ने खुफिया तरीके से तीन परमाणु परीक्षण कर सफलता प्राप्त की।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Shashi kant gautam
Published on: 11 May 2022 11:32 AM GMT (Updated on: 11 May 2022 1:59 PM GMT)
India conducted three nuclear tests on 11 May 1998 under the regime of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee.
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11 मई 1998-परमाणु परीक्षण- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार बाजपेयी : Photo - Social Media

New Delhi: 11 मई 1998 (11 May 1998) भारत के इतिहास का वह दिन है जब पूरी दुनिया के सामने भारत की परमाणु क्षमता (India's nuclear capability) को पहचान मिली। भारत सरकार (India's nuclear capability) द्वारा इसी दिन पोखरण में एक के बाद एक तीन परमाणु परीक्षण (three nuclear tests) का ऐलान किया था।

भारत सरकार ने बेहद ही गुप्त तरीके से दुनिया से बचकर इस अभियान को सफल बनाया। अमेरिका सहित दुनिया की कई अन्य सुरक्षा खुफिया एजेंसियों को भारत के इस परमाणु परीक्षण की भनक तक नहीं लगी और भारत ने अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए तीन सफल परमाणु परीक्षणों के साथ ही परमाणु सम्पन्न देशों की सूची में शामिल हो गया।

चीन से युद्ध में हारने के बाद परमाणु हथियार की आवश्यता

भारत को परमाणु हथियार की आवश्यता का एहसास चीन से युद्ध में हारने के बाद हुई। आज के समय में दुनिया के किसी देश जो तेजी से तरक्की कर रहे हैं और जिनके पास संसाधन की भरमार है, उन्हें खुद को सुरक्षित रखने के लिए परमाणु हथियार की आवश्यकता है। भारत पर परमाणु योजना को साकार करने के पीछे कई विदेशी ताकतें रोड़ा बनकर खड़ी रहीं लेकिन बावजूद इसके अटल बिहार बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के शासन में 11 मई 1998 को भारत ने खुफिया तरीके से तीन परमाणु परीक्षण कर सफलता प्राप्त की।

हालांकि, इससे पूर्व भारत ने इंदिरा गांधी Indira Gandhi के शासनकाल में सन 1974 में ही परमाणु बम परीक्षण किया था लेकिन विदेशी खूफिया एजेंसियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव के चलते परमाणु प्रोग्राम मे तेजी नहीं आ सकी।

भारत ने बेहद ही सावधानी के साथ इस योजना को। सफल बनाया और खुले आसमान के नीचे किये जाने वाले सभी कामों को सिर्फ उसी वक़्त किया जब कुछ समय के लिए अमेरिका सैटेलाइट भारत की रेंज से दूर होते थे। इस योजना के तहत ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA सहित दुनियाभर को चकमा देते हुए सफल परमाणु परीक्षण के साथ ही सभी को चकित कर दिया।

प्रोग्राम का कोड-नाम पोखरण-द्वितीय

इस प्रोग्राम का कोड-नाम पोखरण-द्वितीय रखा गया था जो कि 11 मई 1998 के दिन में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में भारत द्वारा किए गए परमाणु बम परीक्षण विस्फोटों की एक श्रृंखला थी।आपको बता दें कि यह भारत द्वारा गया दूसरा परमाणु परीक्षण तएम भारत द्वारा मई माह 1974 में इंदिरा गांधी शासन के दौरान बुद्ध पूर्णिमा के दिन किए गए भारत के पहले परमाणु परीक्षण का कोड-नाम पोखरण-प्रथम अथवा स्माइलिंग बुद्धा था। इस परमाणु परीक्षण के तहत उपयोग में लाए गए परमाणु बमों को भी शक्ति-प्रथम से लेकर इसी क्रम में नाम दिया गया था।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

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