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Open Network: छोटे कारोबारियों के लिए केंद्र की बड़ी पहल, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए मदद पहुंचाने की तैयारी
Open Network: केंद्र सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग शुक्रवार को होगी और इसका मकसद छोटे कारोबारियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है।
India Open Network: छोटे कारोबारियों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े प्लेटफार्मों का मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से देश के पांच शहरों से ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्लेटफार्म का प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। केंद्र सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग शुक्रवार को होगी और इसका मकसद छोटे कारोबारियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है।
जिन पांच शहरों से इसकी शुरुआत की जा रही है, उनमें दिल्ली के अलावा भोपाल, कोयंबटूर, शिलांग और बेंगलुरु शामिल है। इस प्लेटफार्म पर ऑनलाइन शॉपिंग के लिए सभी प्रकार की चीजें उपलब्ध होंगी जबकि कारोबारियों को इसके जरिए अपना सामान बेचने में भी भरपूर मदद मिलेगी।
सलाहकार परिषद का गठन
पिछले साल 31 दिसंबर को गैर लाभकरी कंपनी के रूप में ओएनडीसी का रजिस्ट्रेशन किया गया था। ओएनडीसी के कामकाज को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है और इसे बड़ा रूप देने के लिए सरकार की ओर से विशेषज्ञों की सलाहकार परिषद का गठन भी किया गया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ आर एस शर्मा और इंफोसिस के नंदन नीलकेणी को परिषद का सदस्य बनाया गया है। कई बड़ी कंपनियां ओएनडीसी के साथ पहले ही जुड़ चुकी हैं। वैसे सरकार का मकसद इसके जरिए छोटे कारोबारियों को मदद पहुंचाने का है।
ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता ट्रेंड
देश में इन दिनों ई कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिए जमकर खरीदारी की जा रही है और लोगों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा सुविधाजनक लग रही है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर कारोबार तो जमकर हो रहा है मगर अभी तक यह देखने में आया है कि बड़े कारोबारी ही इसका ज्यादा फायदा उठाने में कामयाब हो रहे हैं। छोटे कारोबारी इस दायरे से बाहर हैं और इसीलिए केंद्र सरकार की ओर से आज इस पायलट प्रोजेक्ट की लांचिंग की जा रही है। इसके जरिए छोटे कारोबारियों को भी बड़ा मौका उपलब्ध होगा। अभी इसकी शुरुआत पांच शहरों से की जा रही है मगर जल्द ही इसका और विस्तार किया जाएगा।
सरकार को छोटे कारोबारियों के चिंता
केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ओएनडीसी का मकसद विभिन्न सामान खरीदने और बेचने के इच्छुक लोगों को एक सरल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है। इस प्लेटफार्म के जरिए कारोबारी और ग्राहक छोटी से लेकर बड़ी चीजों तक खरीद और बेच सकेंगे। सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए देश के रिटेल मार्केट पर कब्जा जमा चुकी कंपनियों को टक्कर देना चाहती है।
इन बड़ी कंपनियों को लेकर छोटे कारोबारियों की ढेर सारी शिकायतें हैं और उनका कहना है कि इन बड़ी कंपनियों की वजह से उनके कारोबार को काफी चोट पहुंच रही है। छोटे कारोबारी अपनी शिकायत सरकार तक भी पहुंचाते रहे हैं और इसी कारण अब केंद्र सरकार की ओर से यह बड़ी पहल की गई है।
बड़े प्लेटफॉर्मों को टक्कर देने की तैयारी
देश में ऑनलाइन शॉपिंग के बाजार पर मुख्य रूप से अमेजन और फ्लिपकार्ट ने कब्जा कर रखा है। ये दोनों कंपनियां भारत में अब तक 24 अरब डॉलर का भारी-भरकम निवेश कर चुकी हैं। ऑनलाइन शॉपिंग के कारोबार पर मुख्य रूप से इन्हीं दोनों कंपनियों का वर्चस्व है और इन्होंने 80 फ़ीसदी बाजार पर कब्जा कर रखा है। वैसे यह भी सच्चाई है कि रिटेल मार्केट का सिर्फ छह फीसदी ही ऑनलाइन व्यवसाय किया जा रहा है मगर ई-कॉमर्स कंपनियों का प्रभुत्व लगातार बढ़ता जा रहा है।
इसी कारण छोटे कारोबारियों का डर भी बढ़ रहा है। दुनिया के कई अन्य देशों में ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से छोटे दुकानदारों का कारोबार पूरी तरह ठप पड़ गया है और इसी कारण अब भारत के छोटे कारोबारी भी डरे हुए हैं। माना जा रहा है कि छोटे दुकानदारों की चिंताओं को दूर करने के लिए ही केंद्र सरकार की ओर से ओएनडीसी की शुरुआत की जा रही है।