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Phone Hacking Case: लगातार दूसरे दिन हंगामे की भेंट चढ़ी संसद की कार्यवाही, TMC का एलान- 'खुली चर्चा हो वरना नहीं चलने देंगे संसद'

दुनिया का सबसे खतरनाक जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) एक बार फिर से सुर्खियों में है। इजरायली कंपनी NSO के साफ्टवेयर पेगासस से फोन जासूसी (Phone Tapping) का मामला मंगलवार को भी दोनों सदन में विपक्ष द्वारा उठाया गया।

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Newstrack NetworkPublished By Satyabha
Published on: 20 July 2021 8:49 PM IST (Updated on: 20 July 2021 8:55 PM IST)
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पेगासस मामले पर विपक्ष का आरोप फोटो-सोशल मीडिया

Phone Hacking Case: दुनिया का सबसे खतरनाक जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) एक बार फिर से सुर्खियों में है। इजरायली कंपनी NSO के साफ्टवेयर पेगासस से फोन जासूसी (Phone Tapping) का मामला मंगलवार को भी दोनों सदन में विपक्ष द्वारा उठाया गया। विपक्ष के नेताओं ने मोदी सरकार पर सिलसिलेवार कई आरोप लगाए। वहीं विपक्ष के आरोपों पर सरकार के साथ-साथ पूरी बीजेपी आक्रामक दिखी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के हंगामे पर कहा कि ये मामला देश के खिलाफ साजिश है। सदन में विपक्ष सरकार की बिल्कुल भी दलील मानने को तैयार नहीं हुआ और लगातार जेपीसी जांच की मांग करता रहा।

'महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया'

पेगासस मामले पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि हमारे लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों ने पेगासस और पत्रकारों, विपक्षी नेताओं व टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी के फोन हैक करने के मुद्दे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस पर (पेगासस) खुली चर्चा नहीं करती है तब तक टीएमसी लोकसभा और राज्यसभा को चलने नहीं देगी। कृषि कानून वापस लीजिए और कल पेगासस पर चर्चा करिए अन्यथा टीएमसी का रुख '13 अगस्त तक संसद नहीं' का है।

'बीजेपी लोकतंत्र के बजाए जासूसी तंत्र चला रही'

पेगासस विवाद पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी की ओर से बोलते हुए कहा कि बीजेपी सरकार लोकतंत्र के बजाए जासूसी तंत्र चला रही है। हमारे नेता राहुल गांधी की भी जासूसी की गई है। गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। सरकार को जवाब देने के साथ न्यायिक जांच बिठानी चाहिए। अधीर रंजन ने कहा कि जो सरकार के खिलाफ है, उन सब की जासूसी की गई है। सरकार को जवाब देना पड़ेगा, लेकिन सरकार चर्चा करने से भाग रही है।

'सरकार और पेगासस मुद्दे के बीच कोई संबंध नहीं'

वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार और पेगासस मुद्दे के बीच कोई संबंध नहीं है। फिर भी यदि विपक्ष के नेता उचित प्रक्रिया के माध्यम से इस मुद्दे को उठाना चाहते हैं तो उठाएं। इस मुद्दे पर पहले ही संचार मंत्री अश्निनी वैष्णव बयान दे चुके हैं।

'झूठे हैं सरकार के आंकड़े'

राज्यसभा में कोरोना पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने दावा किया कि केंद्र सरकार महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है। विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री समस्याएं सुलझाने में फेल रहे और स्वास्थ्य मंत्री को उन्होंने बलि का बकरा बना दिया। विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कोरोना संबंधी आंकड़े छिपाए।

ऑक्सीजन से होने वाली मौतों के सवाल पर सरकार का जवाब

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर सवाल किया। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जवाब देते हुए बताया गया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई। सरकार ने बताया कि कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी नियमित आधार पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देते हैं, लेकिन किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी नहीं दी है।

सबसे अधिक ऑक्सीजन महाराष्ट्र पहुंची

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड काफी बढ़ गई थी। पहली लहर में जहां 3,095 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड थी, तो वहीं दूसरी लहर में यही डिमांड 9,000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई। जबकि दूसरी लहर में केंद्र की ओर से 28 मई तक राज्यों को 10,250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। सबसे ज्यादा 1200-1200 मीट्रिक टन ऑक्सीज महाराष्ट्र और कर्नाटक को दी गई। दिल्ली को 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई।



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