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Pak PM Imran Khan: कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान अपना रहे तरह-तरह के हथकंडे, लेकिन क्या बच जाएगी कुर्सी?
Pak PM Imran Khan: इमरान खान ने खैबर पख्तून्वा में एक रैली में लोगों से आह्वान किया कि वे इस्लामाबाद पहुंचे और विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब दें। सेना ने भी इमरान का साथ छोड़ दिया है।
Pakistan PM Imran Khan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) अपनी कुर्सी और सरकार बचने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। 25 मार्च 2022 को नेशनल असेंबली (National Assembly) में पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) से बचने के लिए एक तरफ इमरान खान 'भीड़ तंत्र' का सहारा ले रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ अब सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी देकर सलाह मांगी है, कि दलबदलुओं के साथ क्या व्यवहार किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ संविधान के अनुच्छेद 63-ए पर शीर्ष अदालत की राय मांगने वाले राष्ट्रपति के संदर्भ पर सुनवाई करेगी, जो सांसदों की अयोग्यता से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट (PAK Supreme court) में सरकार के रुख को इमरान खान द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को लटकाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
सत्ता संघर्ष की ख़ास बातें
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (Pakistan Democratic Movement) ने दावा किया है, कि इमरान खान के सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया है। पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने कहा है, कि 'एमक्यूएम-पी (Muttahida Qaumi Movement-Pakistan) के लोग हमारे साथ हैं। एमक्यूएम-पी नेतृत्व से मुलाकात के बाद, मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं कि अविश्वास प्रस्ताव सफल होगा।' इस बीच विपक्ष इमरान खान के खिलाफ लॉन्ग मार्च की तैयारी कर रहा है। पीएमएल-एन (Pakistan Muslim League (N)) का काफिला कराची से इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गया है।
सेना भी हुई तटस्थ
दूसरी तरफ, इमरान खान ने खैबर पख्तून्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में एक रैली में लोगों से आह्वान किया था, कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस्लामाबाद पहुंचे और विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब दें। जहां तक सेना का सवाल है तो वह अब इमरान खान के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है। बल्कि, तटस्थ हो गई है। बताया जाता है कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा (General Bajwa) ने इस्लामाबाद में इस्लामिक देशों के संगठन के सम्मेलन के बाद इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए कहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिटायर्ड जनरल राहील शरीफ भी इमरान के खिलाफ हो गए हैं।
समझें सीटों का गुणा-गणित
पाकिस्तान नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए इमरान खान को कम से कम 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है। उनकी पार्टी का दावा है कि उसे लगभग 192 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन रिपोर्ट का कहना है कि यह दावा गलत है क्योंकि पीटीआई के कई विधायक अब सिंध हाउस में छिपे हुए हैं। एक संभावना है कि इमरान के पूर्व सहयोगी जो स्पष्ट रूप से शत्रुतापूर्ण हो गए हैं, इमरान के पक्ष में जा सकते हैं बशर्ते इमरान खान पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को हटाने की उनकी मांगों को मान लेते हैं।
नए नेता का चयन
बताया जाता है, कि पाकिस्तानी सेना देश के लिए एक नया नेता चुन रही है। यह घटनाक्रम उन रिपोर्टों के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें कहा गया था कि वर्तमान में चल रहे इस्लामिक सहयोग संगठन के सम्मेलन के बाद खान को पद छोड़ने के लिए कहा गया था। सूत्रों के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सहित शीर्ष सैन्य जनरल इमरान खान की पारी को छोटा करने और एक नए प्रधानमंत्री का चयन करने के लिए तैयार हैं। कथित तौर पर, एक अन्य व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने का निर्णय रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में चार शीर्ष सैन्य जनरलों द्वारा लिया गया था।
सेना ने इमरान को बचने का रास्ता नहीं दिया
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट ने सुझाव दिया था कि खान को बाहर करने का निर्णय जनरल बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों द्वारा एक बैठक में लिया गया था, जो बाजवा और देश के जासूस लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के पीएम से मिलने के बाद हुई थी। यह बताया गया कि सभी चार सैन्य नेताओं ने खान को बचने का कोई रास्ता नहीं देने का फैसला किया था। हालांकि, कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि ऐसा तब हो सकता है जबकि इमरान खान द्वारा बाजवा को उनके पद से हटाने का प्रयास किया जाए। इमरान खान ने पिछले हफ्ते सेना प्रमुख के साथ मुलाकात की थी। इसके बाद चर्चा गर्म है कि खान द्वारा एक नया सेना प्रमुख नियुक्त करने की कवायद की जा रही है।
'कृपया ऐसा न करें'
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के एमएनए डॉ आमिर लियाकत हुसैन ने हाल ही में इमरान खान को चेतावनी दी थी, कि सेना प्रमुख को हटाने के कदम से पूरे देश में कड़ी प्रतिक्रिया होगी। 'डॉन' अखबार ने लियाकत हुसैन के हवाले से लिखा है कि, ऐसी खबरें हैं कि आप एक और कदम उठाने जा रहे हैं, जो आपको नहीं करना चाहिए। आप एक नया सेना प्रमुख नियुक्त करने जा रहे हैं। कृपया ऐसा न करें। मैं इस तरह के किसी भी कदम के खिलाफ सबसे मजबूत आवाज बनूंगा।"